जयपुर। भारतीय प्रबन्धकों को संवेदनशीलता के लिए जाना जाता है, उनके पास जॉब की अच्छी नॉलेज और अच्छे टीम वर्कर्स भी होते हैं। हालांकि भारत की मैनेजमेंट वर्कफोर्स में कुछ कमजोरियां भी हैं जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है। इनमें मुख्य रूप से शीघ्र क्रोधित होना, जोखिम लेने एवं इनोवेशन में कमी होना और जूनियर हृूमन रिसोर्स विकसित करने में असमर्थता शामिल है। यह कहना था यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड मिनरल्स, सऊदी अरब के मैनेजमेंट एवं मार्केटिंग डिपार्टमेंट के प्रो. (डॉ.) अजहर काजमी का। वे आज जयपुर की आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटल एंड हैल्थ मैनेजमेंट, फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट एवं रूरल मैनेजमेंट के एमबीए के नए बैच के स्टूडेंट्स के लिए आयोजित ओरिएंटेशन प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित कर रहे थे।
डॉ. काजमी ने कहा कि ग्लोबलाइजेशन, इंटरनेशनलाइजेशन, सोशल मीडिया की भारी उपस्थिति जैसे ट्रेंड्स के चलते कस्टमर्स और अधिक डिमांडिंग हो रहे हैं। इसके प्रभावस्वरूप क्वालिटी मैनेजमेंट, हृूमन रिसोर्स मैनेजमेंट और आर्गेनाइजेशन के विकास के लिए दबाव बनता है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इससे पूर्व अपने स्वागत भाषण में आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के
प्रेसीडेंट, डॉ. पंकज गुप्ता ने स्टूडेंट्स को जीवन में सफलता के लिए हमेशा
सीखने की प्रवृति बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि
‘इफैक्टिवनेस‘ एवं ‘एफिशिएंसी‘ के मध्य के अंतर को समझना महत्वपूर्ण है।
एफिशिएंसी तेजी से दौड़ने की तरह है, जबकि इफैक्टिवनेस तेजी गति से सही दिशा
में चलना है। डॉ. गुप्ता ने स्टूडेंट्स को उनकी शैक्षणिक यात्रा के दौरान
सकारात्मक नेटवर्किंग करने की सलाह भी दी।
ओरिएंटेशन प्रोग्राम के
दौरान स्टूडेंट्स को अन्य कई प्रतिष्ठित वक्ताओं द्वारा भी सम्बोधित किया
गया। इंडियन एसोसिएशन फॉर स्टडी ऑफ पॉपुलेशन, नई दिल्ली के प्रेसीडेंट, डॉ.
यू. वी. सोमयाजुलु ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य समाज का कल्याण होता है।
सभी प्रकार के धन में शिक्षा सर्वाधिक महत्वपूर्ण संपत्ति है। उन्होंने आगे
बताया कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा एवं समय प्रबंधन व्यक्ति को सफलता की ओर ले
जाते हैं।
यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड, जयपुर के स्टेट प्रोग्राम
कॉर्डिनेटर, श्री सुनील टी. जैकब ने कहा कि स्टूडेंट्स को कुछ नया सीखने के
लिए स्वयं में पैशन विकसित करना चाहिए। उन्होंने स्टूडेंट्स को राइटिंग
स्किल विकसित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
पीडी हिंदुजा नेशनल
हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर, मुम्बई के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, जॉय
चक्रबर्ती ने बताया कि दुनिया भर में हैल्थकेयर क्षेत्र में किस प्रकार से
भारत का प्रभुत्व बना हुआ है। उन्होंने बताया कि अमेरिका में प्रत्येक
पांचवें मरीज का इलाज भारतीय डॉक्टर द्वारा किया जाता है, जबकि प्रत्येक
सातवीं दवा किसी ना किसी भारतीय ब्रांड की होती है।
अनायाहा कैपिटल
लिमिटेड, लंदन (यूके) के निदेशक, अमलान भूषण ने कहा कि एजुकेशन का एक
अत्यंत महत्वपूर्ण भाग रिसर्च होती है। इस रिसर्च का अनुपूरक एक पब्लिकेशन
भी होना चाहिए। उन्होंने कैम्पस में एंटरप्रिन्योरशिप को बढ़ावा देने के
साथ-साथ उचित न्यूट्रीशन की आवश्यकता पर भी जोर दिया।