बर्मिंघम। विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर आलोचकों के निशाने पर हैं। इस बार वे रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में खेली गई पारी के कारण निशाने पर आए हैं। आलोचकों का कहना है कि उनकी पारी में लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी तेवर का अभाव था।
इंग्लैंड ने एजबेस्टन में खेले गए इस मैच में भारत को 337 रनों का लक्ष्य दिया। भारतीय टीम 31 रनों से यह मैच हार गई। धोनी इस मैच में 31 गेंदों पर 42 रन बनाकर नाबाद रहे, लेकिन इस मैच में धोनी की रणनीति पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। हार्दिक पांड्या के 45वें ओवर में आउट होने के बाद भारत को आखिरी के पांच ओवरों में 71 रनों की जरूरत थी।
ऐसे में सभी की निगाहें धोनी पर थीं क्योंकि वे लक्ष्य का पीछा करने में माहिर माने जाते रहे हैं। लेकिन, 37 साल के धोनी और केदार जाधव (नाबाद 12) अंत में संघर्ष करते रहे और सिर्फ 39 रन ही बना सके। धोनी की बल्लेबाजी नीति को लेकर कई पूर्व क्रिकेटरों ने उनको एक बार फिर आड़े हाथों लिया है।
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इस मैच में कमेंट्री कर रहे भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा,
मेरे पास इसके लिए कोई सफाई नहीं है। आप मुझसे सवाल पूछेंगे लेकिन मैं नहीं
बता सकता कि वे एक-एक रन क्यों ले रहे हैं। लेंथ और बाउंस ने भी भारतीय
बल्लेबाजों को छकाया है। आप 338 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहे हैं लेकिन
आपके अंत में पांच विकेट बचते हैं, यह सही नहीं है। गांगुली ने कहा, यह
मानसिकता और आप मैच को किस तरह से देखते हैं, उसकी बात है। संदेश साफ होना
चाहिए। गेंद कहां आ रही है या कहां से आ रही है, यह बात मायने नहीं रखती।
आपको इस समय सिर्फ चौके-छक्के चाहिए।
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इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर
हुसैन ने भी धोनी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह से हैरान
हूं। चल क्या रहा है। भारत को यह नहीं चाहिए। उन्हें रन चाहिए। वे कर क्या
रहे हैं? भारत के कुछ प्रशंसक मैदान छोडक़र जा रहे हैं। निश्चित ही वो धोनी
को बड़े शॉट्स लगाते देखना चाहते हैं। यह विश्व कप मैच है। इसकी दो शीर्ष
टीमें खेल रही हैं। भारतीय प्रशंसक चाहते हैं कि उनकी टीम कुछ ज्यादा करे।
वे चाहते हैं कि उनकी टीम लड़ाई लड़े।
जीत के लिए जोखिम ले। पूर्व भारतीय
क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने भी धोनी के रुख को हैरान करने वाला बताया। टीम
के कप्तान विराट कोहली ने हालांकि मैच के बाद धोनी का बचाव किया। कोहली ने
कहा कि मुझे लगता है कि धोनी काफी कोशिश कर रहे थे, लेकिन बाउंड्री नहीं
लगा पा रहे थे। इंग्लैंड के गेंदबाज भी अच्छी जगह गेंदबाजी कर रहे थे और
गेंद भी रुक कर आ रही थी, इसलिए अंत में बल्लेबाजी करना मुश्किल हो रहा था।
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