डूंगरपुर-बाँसवाड़ा-रतलाम रेल परियोजना का काम शुरू करवाया जावें: सांसद

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 26 जून 2019, 3:53 PM (IST)

नई दिल्ली। बाँसवाड़ा डूंगरपुर के सांसद कनकमल कटारा ने मंगलवार को संसद में डूंगरपुर-बाँसवाड़ा-रतलाम रेल परियोजना का काम शुरू करवाने की मांग रखी।

शून्यकाल में बोलते हुए उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय रेल मंत्री व सदन का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि यह आदिवासी बाहुल्य दक्षिणी राजस्थान के वागड़ क्षेत्र की महत्वाकांक्षी रेल परियोजना है। उन्होंने बताया कि 176 किलोमीटर लम्बी इस परियोजना के लिए राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के मध्य एएमयू साइन हुआ था,लेकिन दुर्भाग्य से इस परियोजना का काम शुरू नही हो सका।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना का निर्माण कार्य शुरू होने से इस पिछड़े एवं आदिवासी बहुल इलाके में पर्यटन आदि क्षेत्रों में उपलब्ध संभावनाओं का सर्वांगीण विकास होगा। साथ ही क्षेत्र के लोगो,उद्यमियों, व्यवसायियों एवं श्रमिकों को रतलाम व अहमदाबाद की बड़ी रेल लाइन से जुड़ने से पूरे देश मे आवागमन की सहज सुविधा मिलने लगेगी तथा रोजगार की नई संभावनाओं को भी बल मिलेगा।

संसद में अपने उदबोधन के बाद कटारा ने बताया कि इस महती रेल परियोजना का निर्माण काम शुरू करवाने का आग्रह करने के लिए वे शीघ्र ही प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय रेल मन्त्री से भी मुलाकात करने का समय लेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी हाल ही नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर आकर्षित कर चुके है।साथ ही केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा बजट पूर्व चर्चा के लिए आयोजित राज्यों के वित्त मंत्रियों की बैठक में भी यह मुद्दा उठाया गया था।

कटारा ने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने नई दिल्ली में रेल्वे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव से भेंट कर वागड़ क्षेत्र की इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजना डूंगरपुर-बाँसवाड़ा-रतलाम को वर्ष 2019-20 के आम बजट में शामिल करने का आग्रह किया था।

उन्होंने बताया कि 2083 करोड़ की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का काम वर्ष 2011 में जोरशोर से शुरू होना था,लेकिन दुर्भाग्य से इस दिशा में कोई ठोस पहल नही हो सकी। मध्यप्रदेश-राजस्थान एवं गुजरात को जोड़ने वाली 176 किलोमीटर लम्बी इस परियोजना के अंतर्गत करीब 126 किमी लंबी रेल लाईन राजस्थान व लगभग 50 किमी मध्यप्रदेश में बिछाई जाने का काम पांच वर्ष में पूरा होना था।

कटारा ने बताया कि राज्य के जनजाति बहुल बाँसवाड़ा जिले के किसी भी हिस्से से आजादी के 72 वर्ष के बाद भी रेल लाईन नही गुजरने से इस अंचल के विकास की मुख्य धारा से जुड़ने में अड़चनें आ रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि आजादी की 75 वीं वर्षगाँठ के अवसर पर इस परियोजना के काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा जाना चाहिए।

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