परिवहन विभाग के अधिकारियों को मिलेगी नीली बत्ती: परिवहन मंत्री

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 25 जून 2019, 6:51 PM (IST)

जयपुर। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि परिवहन विभाग के प्रवर्तन से जुडे़ फील्ड अधिकारियों के काम को आसान बनाने के लिए उन्हें गाड़ी पर नीली बत्ती, सायरन और वायरलैस की सुविधा प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

परिवहन मंत्री ने मंगलवार को परिवहन भवन में प्रदेश के सभी आरटीओ की समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए एवं बाद में पत्रकारों से वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन से जुडे़ अधिकारियों को सड़क पर अलग पहचान मिलना जरूरी है क्योंकि उनका काम भी काफी कुछ पुलिस की तरह है जिन्हें सड़क दुर्घटना की स्थिति में घटना स्थल तक पहुंचने, जाम की स्थिति को नियंत्रित करने एवं अपने कार्य के लिए आधुनिक वाहन के साथ नीली बत्ती, सायरन एवं वायरलैस की आवश्यकता होती है।

खाचरियावास ने कहा कि सरकार परिवहन अधिकारियों को उनके कार्य के लिए जरूरी सभी संसाधन उपलब्ध कराएगी लेकिन परिवहन अधिकारियों को भी रेवेन्यू संग्रहण के लक्ष्य पूरे करने के साथ ही उनके सम्पर्क में आने वाले आमजन के प्रति अपने मधुर व्यवहार और कार्य सम्पन्नता से विभाग और सरकार की अच्छी छवि बनाने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग को जनहित के कामों में सक्रियता से हिस्सा लेना चाहिए। हर परिवहन कार्यालय में अच्छी प्याऊ, टॉयलेट, छाया जैसी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं। इसके साथ ही विभाग ऎसे सावर्जनिक स्थानों पर भी प्याऊ बनवाए जहां लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हों।

परिवहन मंत्री ने बताया कि हर पंचायत समिति स्तर पर 50 सड़क सुरक्षा अग्रदूत के रूप में वालंटियर्स बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं जो सड़क सुरक्षा से जुडे़ कार्य में सहयोग करेंगे। इन्हें विभाग द्वारा हैलमेट के साथ विशेष लोगो प्रदान किया जाएगा। उन्होने बताया कि रेवेन्यू टारगेट्स की प्राप्ति के लिए हर माह लक्ष्य बनाकर इनकी समीक्षा की जाएगी। उन्होंने स्कूलों में लगी बालवाहिनियों की फिटनेस जांच, बजरी के अवैध परिवहन को रोकने, फिनेंस कम्पनियों के बाडों में बंद वाहनो की नियमित जांच, सड़क सुरक्षा जैसे विभिन विषयों पर आरटीओ को आवश्यक निर्देश प्रदान किए।

परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि सभी आरटीओ की एसीआर को उनकी परफोर्मेंस से जोड़ा जाएगा। उन्होंने विभागीय कार्यप्रणाली को पूरी तरह दलालों से मुक्त करने, अपने कामों के लिए परिवहन कार्यालयों में आने वाले लोगों के साथ संंवेदनशीलता से व्यवहार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बालवाहनियों के रूप में काम आने वाले वाहनों की नियमित फिटनेस जांच एवं उन्हेकं एक दशक या निश्चित वर्षों बाद इस कार्य से हटाए जाने की जरूरत है। उन्होेने सभी आरटीओ से क्षमता से अधिक सवारियां बिठाए जाने पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के प्रयास करने को कहा।

परिवहन आयुक्त एवं शासन सचिव राजेश यादव ने सभी आरटीओ को पूर्व सूचना देकर बालवाहनियों की फिटनेस जांच करने एवं एम्बुलेंस के रूप में चल रही टेक्सियों की जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि अगर कोई एम्बुलेंस के रूप में टेक्सी चलती पाई जाए तो उससे एक टेक्सी के रूप में कर वसूली की जाए। यादव ने प्रदेश के कुल पंजीकृत वाहनों के डेटाबेस से ऎसे वाहनों को हटाने के निर्देश दिए जो अब अस्तित्व में नहीं हैं। उन्होंने परमिट सरेण्डर करने वाले वाहनों की आरसी कैंसिल करने की पॉलिसी के निर्माण, सभी आरटीओ द्वारा अपने क्षेत्र के जिलों में स्वयं दौरा करने, रात्रि विश्राम करने जैसे निर्देश दिए।

बैठक में अपर परिवहन आयुक्त प्रशासन महेन्द्र खींची, अपर परिवहन आयुक्त आर.सी.यादव, महेन्द्र कुमार खींची, सतवीर यादव, हरीश कुमार शर्मा, वरिष्ठ आरएएस अधिकारी राजेश सिंह, सभी आरटीओ एवं अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे