बाडमेर।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान के बालोतरा के जसोल कस्बे में उस जगह पर पहुंचे हैं, जहां पर रविवार को रामकथा के दौरान पंडाल गिरने से 14 लोगों की मौत हो गई थी और 24 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने
हादसे की जांच का आदेश दिया है और मृतकों के परिजन को 5-5 लाख रुपए और
घायलों को 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
ऐसी जानकारी मिली है
कि इस आयोजन की अनुमति नहीं ली गई है। रविवार को यह यह हादसा उस समय हुआ
जब बालोतरा कस्बे के पास जसोल धाम में एक स्कूल में कथा चल रही थी। तभी
अंधड़ और बारिश के बीच पंडाल नीचे श्रद्धालुओं पर आ गिरा। सैंकड़ों
श्रद्धालुओं को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला और वह नीचे दब गए।
बालोतरा
सीमावर्ती बाड़मेर जिले का एक कस्बा है। बालोतरा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
रतन लाल भार्गव ने कहा, ‘14 व्यक्तियों की मौत हुई है और लगभग 24 घायल हुए हैं।’ घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है।
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प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान जसोल ने
कार्यक्रम आयोजित किया और रामकथा एक स्कूल में चल रही थी। कथाकार मुरलीधर
महाराज कथा कर रहे थे इसी दौरान बारिश और तेज अंधड़ शुरू हो गया। अंधड़
इतना तेज था कि पूरा टेंट हवा में लहराने लगा। कथावाचक ने लोगों को आगाह
करते हुए बाहर निकलने को कहा था लेकिन कुछ ही सेकंड में पूरा टेंट नीचे आ
गिरा। सैकड़ों श्रद्धालु नीचे दब गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार
टेंट के लोहे के खंबों में बिजली का करंट भी दौड़ गया लेकिन स्थानीय लोगों
ने जैसे तैसे कर घायलों को निकाला और अस्पताल पहुंचाया।
मुख्यमंत्री
गहलोत ने हादसे पर संवेदना व्यक्त करते हुए जोधपुर के संभागीय आयुक्त
बी.एल. कोठारी को घटना की जांच के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने हादसे की
जानकारी मिलते ही प्रशासन, पुलिस, आपदा प्रबन्धन और चिकित्सा अधिकारियों को
राहत व बचाव कार्य तथा उपचार के लिए उचित निर्देश दिए।