अनोखा रिवाज, जहां बारातियों के स्वागत में करते है...

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 23 जून 2019, 2:47 PM (IST)

अंबिकापुर। आपने बहुत सी शादियां देखी होंगी। शादियों को लेकर हर जगह पर अलग-अलग रीति-रिवाज होते है। आज हम शादी के दौरान निभाए जाने वाले एक रीति-रिवाज के बारे में बताने जा रहे है जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे।

आपने शादियों के दौरान फूल और मालाओं से बारातियों का स्वागत करते हुए तो खूब देखा होगा, लेकिन क्या आपने कीचड से बारातियों का स्वागत करते हुए देखा है। जी हां, मैनपाट का आदिवासी मांझी समाज आज भी अपनी अनोखी परंपरा व संस्कृति के लिए न केवल प्रदेश में बल्कि देश में भी चर्चित है।

छत्तीसगढ़ में मैनपाट का मांझी समाज संस्कृति व परम्परा को बचाने के लिए आज भी पुरखों के जमाने से चली आ रही अनोखी परंपरा का निर्वहन विवाह के कार्यक्रम में किया जाता है। इस समाज में बारातियों का स्वागत कीचड़ में सराबोर कर किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि लडक़ी पक्ष के लोग बारातियों के सामने इस खेल के माध्यम से अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हैं, यह देखने में काफी आकर्षक होता है।

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मांझी समाज में 12 गोत्र हैं, जिनके अनूठे आयोजन हमेशा कौतूहल के विषय बने रहते हैं। सभी गोत्र की अपनी अलग-अलग परम्परा है। इसके बावजूद सभी एकजुटता के साथ किसी भी आयोजन में शामिल होते हैं।

मांझी समाज का भैंस गोत्र व तोता गोत्र में विवाह की अपनी अनोखी परंपरा है। भैंस गौत्र में लडक़ी पक्ष के लोग बारात आने से पूर्व मिट्टी खेलने की तैयारी करके रखते हैं और बारात पहुंचने के बाद कीचड़ में एक-दूसरे को सराबोर करते हैं।

इस दौरान मांझी समाज के साथ ही आसपास रहने वाले सभी लोग बारातियों के सामने मिट्टी खेलकर अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हैं। जब कभी किसी मांझी के घर बारात पहुंचता है तो कीचड़ में खेलने के लिए हुजूम उमड़ पड़ता है।

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बारात पहुंचने के सप्ताह भर पहले से खेत को पानी व मिट्टी डालकर तैयार किया जाता है। जब यह पूरी तरह से कीचडयुक्त हो जाता है तो बारात के पहुंचने पर वहां पर जमकर मिट्टी खेली जाती है।

भैंस गोत्र के लोग एक-दूसरे को कीचड़ में पाटकर पहले उनके ऊपर मिट्टी का लेप लगाते हैं, इसके बाद आदिवासी संगीत के बीच जमकर लोट-लोट कर मिट्टी खेलते हैं।

वहीं विवाह समारोह के दौरान जब लडक़ी के घर दुल्हा बारात लेकर पहुंचता है तो एक बड़े से पोल में धान की बाली बांधी जाती है और दुल्हे को मुंह से तोडने के लिए बोला जाता है। दुल्हा जब ऐसा नहीं कर पाता है तो उस पर लडक़ी पक्ष के लोग जुर्माना लगाते हैं, जिसे चुकाना अनिवार्य होता है।

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