नई दिल्ली। रिलायंस एडीएजी ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी अब अरबपति नहीं रहे है, यानी अरबपति क्लब से बाहर हो चुके हैं। सोमवार को जब शेयर बाजार बंद हुआ तो अनिल अंबानी से अरबपति का तमगा छिन गया। वो साल 2008 में दुनिया के अमीरों की सूची में छठे स्थान पर थे। ईटी के मुताबिक, सोमवार को बाजार बंद होने के बाद अनिल अंबानी की 6 कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 6196 करोड़ रुपए रह गया।
4 महीने पहले अंबानी की कंपनियों का मार्केट कैप 8 हजार करोड़ रुपए था। अब अनिल अंबानी की कुल दौलत 1 अरब डॉलर से भी कम है। ये आंकड़ा और भी कम हो सकता है क्योंकि अंबानी ने प्रोमोटर होल्डिंग गिरवी रखी हुई है। अनिल अंबानी ने पिछले हफ्ते मंगलवार को एक कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि उनके ग्रुप ने 35 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चुका दिया है।
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ये कर्ज उन्होने 14 महीने में बिना किसी बैंक की मदद के चुकाया है। इसके
अगले दिन ही ऑडिटर पीडब्लूसी ने रिलायंस कैपिटल और रिलायंस होम फाइनेंस के
ऑडिटर पद से इस्तीफा दे दिया। पीडब्लूसी ने कंपनी पर फ्रॉड का आरोप लगाया।
इसके बाद एडीएजी के ग्रुप के शेयरों में गिरावट आने लगी। निवेशकों को आगे
टर्नअराउंड की उम्मीद नहीं दिख रही है।
अनिल अंबानी की दौलत उनके बढ़ते
कर्ज के कारण कम होती गई। यहां तक की मंगलवार को भी रिलायंस
इंफ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस नेवल इंजिनियरिंग, रिलायंस होम फाइनेंस, आरकॉम,
रिलायंस पावर और रिलायंस कैपिटल के शेयर में गिरावट देखी गई। अनिल अंबानी
ने म्युचूअल फंड ज्वाइंट वेंचर में 42.88 फीसदी हिस्सा रिलायंस निप्पॉन
लाइफ को बेच दिया। इस कारण भी उनके मार्केट कैप में कमी आई।
आईआईएफएल के
ईवीपी संजीव भसीन ने ईटी को कहा कि ‘ये लालच और भय की सामान्य कहानी है।
रिलायंस कम्युनिकेशन पर ज्यादा भार पड़ा और वो सही समय पर वापस नहीं आ सकी।
इसका खामियाजा दूसरी कंपनियों पर भी पड़ा।’ इस कारण ग्रुप कंपनियों का 90
फीसदी मार्केट कैप डूब गया।