धौलपुर/कोटा। राजस्थान के धौलपुर डांग इलाके में कुख्यात डकैत जगन गुर्जर और उसके गैंग की करतूत सामने आई है। आरोप है कि धौलपुर के करनपुर-सायका पुरा गांव में एक दिन पहले दाे महिलाओं से मारपीट और उन्हें निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया। इस वारदात काे अंजाम देकर डकैत जगन गुर्जर फरार हो गया। इस घटना के बाद डकैत जगन गुर्जर की तलाश में पुलिस शुक्रवार काे चंबल के बीहड़ाें में पहुंच गई।
पुलिस ने शुक्रवार शाम चंबल के बीहड़ाें में घेर लिया। इस दाैरान डांग क्षेत्र के मंगलपुरा गांव के निचले क्षेत्र के जंगल में उनकी मुठभेड़ 25-25 हजार रुपए के इनामी डकैत रामविलास और भरत गुर्जर से हो गई। डकैताें और पुलिस के बीच देर रात तक रुक-रुककर फायरिंग जारी थी। इस दाैरान डकैताें ने पुलिस पर हथगाेले भी फेंके। खुद धौलपुर एसपी अजयसिंह भी मुठभेड़ का माेर्चा संभाले हुए थे। इस बीच, भरतपुर रेंज के आईजी भूपेन्द्र साहू ने आरएसी की एक कंपनी मांगी है।
कुछ ही दिन पहले जेल से बाहर आया है जगन गुर्जर...
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कुछ ही दिन पहले जेल से बाहर आया है जगन गुर्जर...
जगन गुर्जर
कुछ ही दिन पहले जेल से बाहर आया है। आते ही उसके आतंक ने इलाके में खलबली
मचा दी है। डकैत गुर्जर ने सरेआम फायरिंग कर लोगों में दहशत फैला दी। उसने
बाड़ी कस्बे में सरकारी अस्पताल के सामने बाजार में दुकानदारों से मारपीट
कर तोड़फोड़ की। इस कुख्यात बदमाश ने बाद में बसईडांग थाना क्षेत्र के
करणसिंह का पुरा गांव में महिलाओं और बच्चों से भी मारपीट की। इस दौरान
उसने मुखबिरी के शक में महिलाओं के कपड़े फाड़कर उन्हें सरेआम निर्वस्त्र
घुमाया।
पिछले साल जगन ने हथियारों के साथ किया था सरेंडर...
चंबल
के डांग इलाके के कुख्यात डकैत जगन गुर्जर ने पिछले साल ही हथियार के साथ
पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। गुर्जर ने बयाना थाने में पुलिस
महानिरीक्षक मालिनी अग्रवाल के सामने सरेंडर किया था। तब पुलिस ने जगन को
घड़ी बाजना इलाके में चारों तरफ से घेर लिया था, जिसके बाद डकैत गुर्जर ने
खुद हथियार डाल दिए थे।
11 लाख रुपए का इनामी डाकू रहा है जगन...
चंबल
में आतंक का पर्याय रहे 11 लाख रुपये का इनामी दस्यु जगन गुर्जर इससे पहले
16 मार्च 2017 को जेल से छूट गया था। उसके बाद वो फिर से चंबल की घाटियों
में चला गया था। जगन के खिलाफ धौलपुल के बसईडांग, करौली के मासलपुर और
बासौदा में 5 मामले दर्ज हैं। धौलपुर के पुलिस अधीक्षक डीडी सिंह ने बताया
कि डकैत पर कुल 87 मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या, वसूली और पुलिस पर फायरिंग
जैसे संगीन अपराध है।