नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील की है कि वह इसे अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं बनाएं। उन्होंने डॉक्टर्स को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हाथ जोड़कर कहना चाहता हूं कि इसे अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं।
कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में दो जूनियर डॉक्टरों पर हमले के विरोध की आंच राजधानी दिल्ली समेत देश के अन्य शहरों में पहुंच गई है। बंगाल में इसका बड़ा असर देखने को मिल रहा है। कोलकाता के आरजी कार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 43 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में दो जूनियर डॉक्टरों पर हमले के विरोध की आज राजधानी दिल्ली समेत देश के अन्य शहरों में पहुंच गई है।
दिल्ली में डॉक्टरों के एक प्रतिनिधि मंडल ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन से मिलकर दखल देने की मांग की है। बंगाल में इसका बड़ा असर देखने को मिल रहा है। कोलकाता के आरजी कार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 16 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा है कि मौजूदा हालात में हम सेवाएं देने में असमर्थ हैं, इसलिए हम अपनी ड्यूटी से इस्तीफा देना चाहते हैं। उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, दार्जिलिंग के दो डॉक्टरों ने राज्य में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा पर इस्तीफा दे दिया।
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महाराष्ट्र में करीब 4,500 डॉक्टरों ने कोलकाता के अपने साथियों के समर्थन
में एक दिन के प्रतीकात्मक हड़ताल करने की घोषणा करके हडताल पर रहे हैं। पदाधिकारियों ने
शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) से संबद्ध डॉक्टरों
ने राज्य के सभी 26 सरकारी अस्पतालों में मरीजों को देखना बंद कर दिया है।
देश की राजधानी के कई सरकारी अस्पतालों के सीनियर और
जूनियर डॉक्टर पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में उतरे।
उन्होंने शुक्रवार को प्रतीकात्मक हड़ताल कर काम का बहिष्कार किया।
अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर, सभी आउट पेशेंट विभागों
(ओपीडी), रूटीन ऑपरेशन थिएटर सेवाओं और वार्ड विजिट्स को पूरी तरह से बंद
कर दिया गया है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और
सफदरजंग अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सांकेतिक विरोध में अपने सिर पर
पट्टियां बांधकर प्रदर्शन किया और सभी गैर-आपातकालीन सेवाओं को निलंबित कर
दिया। वहीं उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक राज्यों में भी डॉक्टरों ने अपने स्तर विरोध प्रदर्शन किया।