‘सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए भाजपा कर रही है घटना का इस्तेमाल’

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 13 जून 2019, 6:14 PM (IST)

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को सरकारी एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दो जूनियर चिकित्सकों पर हमले की घटनाओं की पूरी श्रृंखला की जांच का आदेश दिया और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस घटना का इस्तेमाल सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए कर रही है। ममता ने संवाददाताओं से कहा कि सभी बाधाओं के बीच भाजपा हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा ले आई है।

मैं देख रही हूं कि माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) भी परेशानी बढ़ा रही है। मैं माकपा व भाजपा के बीच की दोस्ती को देखकर हैरान हूं। उन्होंने कहा कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की घटनाओं की श्रृंखला की व्यापक जांच होगी। एनआरएस अस्पताल में मंगलवार सुबह विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। ऐसा कथित तौर पर जूनियर चिकित्सक को 75 साल के बुजुर्ग मरीज की सोमवार देर रात मौत हो जाने के बाद परिजनों द्वारा पीटे जाने की वजह हुआ।

मंगलवार सुबह अस्पताल की नियमित सेवाओं को ठप कर दिया गया। मृत मरीज के परिवार के सदस्यों ने चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगाया। एक इंटर्न परिबाहा मुखर्जी को हमले में दिमाग में गंभीर चोट आई है और उसे कोलकाता पार्क सर्कस इलाके के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज के इनटेनसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में भर्ती कराया गया है।

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ममता ने कहा कि मैं पूरे मामले की जांच शुरू करूंगी, क्योंकि दोनों पक्षों को सीसीटीवी फुटेज में हिंसा का सहारा लेते देखा गया है। जांच में यह भी शामिल होगा कि मृतक को उचित इलाज दिया गया था या नहीं। उन्होंने कहा कि हमें मृत रोगी के परिवार के सदस्यों के वर्जन पर भी ध्यान देना होगा।

एक व्यक्ति की इंजेक्शन लगने के बाद मृत्यु हो गई ..इसकी उचित जांच होनी चाहिए, जिससे पता चले कि इसके पीछ सच्चाई है या नहीं। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया कि चिकित्सकों ने सरकार व पुलिस की कार्रवाई के बाद भी काम बंद रखा। ममता ने इसे राजनीतिक साजिश बताया।

उन्होंने कहा, भाजपा ऐसा कहकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही है कि चिकित्सकों को मुस्लिम मरीजों को नहीं देखना चाहिए। चिकित्सकों के मुख्यमंत्री से दखल की मांग के बारे में पूछे जाने पर ममता ने कहा, उन्होंने सीधे तौर कुछ नहीं कहा है। मंगलवार को मैंने चंद्रिमा भट्टाचार्य (स्वास्थ्य मंत्री) को भेजा था और चिकित्सकों से फोन पर बातचीत की कोशिश की, लेकिन उन्होंने गुस्ताखी की और इनकार कर दिया।