राजस्थान के पहले मेंगो फेस्टिवल का बांसवाड़ा में सफल आयोजन

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 11 जून 2019, 11:46 AM (IST)

बांसवाड़ा । राजस्थान का दक्षिणांचल बांसवाड़ा जिला यों तो बहुरंगीजनजाति संस्कृति और शिल्प-स्थापत्य के लिए जाना-पहचाना जाता है परंतु पहली बार बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर ‘मेंगो फेस्टिवल’ के आयोजन ने जिले को ‘मैंगो हब’ के बारे में देश-प्रदेश में पहचान दी है। जिला प्रशासन, कृषि अनुसंधान केन्द्र तथा बांसवाड़ा पर्यटन उन्नयन समिति के तत्वावधान में तीन दिवसीय यह आयोजन बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर कुशलबाग मैदान में 7 से 9 जून तक हुआ।


46 प्रजातियों के आमों का सम्मोहन


जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि बांसवाड़ा में आयोजित प्रदेश के पहले ‘मेंगो फेस्टिवल’ के प्रति आमजन का जबरदस्त उत्साह देखा गया और सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र 46 प्रजातियों के आमों की प्रदर्शनी रही। लोग एक ही स्थान पर 46 प्रजातियों के आम देख रोमांचित हुए। प्रदर्शनी में बांसवाड़ा में ही पैदा हो रही किशन भोग, बोम्बे ग्रीन, बोम्बई, केसर, राजस्थान केसर, फजली, मूलागो, बैंगनफल्ली, जम्बो केसर गुजरात, स्वर्ण रेखा, बंगलौरा, नीलम, चौसा, दशहरी, मनकुर्द, वनराज, हिमसागर, जरदालु, अल्फांजो, बजरंग, राजभोग, मल्लिका, लंगड़ा, आम्रपाली, फेरनाड़ी, तोतापुरी, रामकेला, सदाबहार आदि 28 प्रजातियों के साथ देसी आम की 18 प्रजातियों यथा टीमुरवा, आँगनवाला, देवरी के पास वाला, कसलवाला, कुआवाला, आमड़ी, काकरवाला, लाडुआ, हाडली, अनूप, कनेरिया, पीपलवाला, धोलिया, बारामासी, बनेसरा, सागवा, कालिया, मकानिया आदि प्रजातियों के आमों का भी प्रदर्शन किया गया था। इसी प्रकार 12 स्टाल्स पर नीलम, लंगड़ा, केसर, जंबो केसर गुजरात, आम्रपाली, दशहरी, राजभोग, तोतापुरी, बंगलौरा, चौसा, बजरंग, बारामासी आदि प्रजातियों के आमों को एक ही दर 60 रुपये किलो से बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया। दूसरी तरफ 8 स्टॉल पर आम के उत्पादों का प्रदर्शन व विक्रय किया गया।


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मेंगो फेस्टिवल में जमकर हुई बिक्री

फेस्टिवल में लोगों ने आम और उनके उत्पादों की जमकर खरीदारी भी की। मेले में लगाई हर स्टाल पर प्रतिदिन स्टॉक खत्म हो गया। फेस्टिवल के दौरान तीन दिनों में कुल 50 क्विंटल आम की बिक्री हुई। इसमें पहले दिन 7 क्विंटल, दूसरे दिन 18 क्विंटल तथा तीसरे दिन 25 क्विंटल से अधिक आम की बिक्री हुई। इसी प्रकार आम उत्पादों मंे सर्वाधिक 375 किलो अचार की बिक्री हुई। इसमें पहले दिन 125 किलो, दूसरे दिन 120 किलो तथा तीसरे दिन 130 किलो अचार बिका। इसके साथ ही फेस्टिवल में आम पापड़ की कुल 245 किलो बिक्री हुई। पहले व दूसरे दिन 50-50 किलो तथा तीसरे दिन 145 किलो आमपापड़ बेचा गया।

बांसवाड़ा में तैयार किए जाने वाले चूसने वाले आम की मिठाई आमपाक की भी 180 किलो की रिकार्ड बिक्री हुई। आरएमबी फर्म के अनिल जोशी द्वारा मेले में पहले दिन 30 किलो, दूसरे दिन 65 तथा तीसरे दिन 85 किलो आम पाक बेचा गया। दूसरी तरफ फेस्टिवल में 1350 अधिक लोगों ने मेंगो शैक का सेवन किया। पहले दिन 300, दूसरे दिन 500 तथा तीसरे दिन 550 मेंगो शैक की बिक्री हुई। लोगों में आम की बागवानी के प्रति उत्साह देखा गया। फेस्टिवल में लोगों ने विविध प्रजातियों के 350 से अधिक पौधे खरीदे।