कठुआ मर्डर केस में तीन दोषियों को उम्रकैद, तीन को 5-5 साल की सजा

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 10 जून 2019, 09:13 AM (IST)

पठानकोट। पंजाब के पठानकोट की एक विशेष अदालत ने जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या के मामले में सोमवार को सात में से छह को दोषी करार दिया। एक साल पहले यहां की एक अदालत में मुकदमा शुरू हुआ था। न्यायालय ने तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। तीन दोषियों को 5-5 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा सातवें आरोपी विशाल को बरी कर दिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मामले को जम्मू एवं कश्मीर से स्थानांतरित करने के निर्देश के बाद पिछले साल जून के पहले सप्ताह में मुकदमा शुरू हुआ, जिसकी कैमरे में रिकॉर्डिग भी की गई।

मिली जानकारी के अनुसार, जम्मू कश्मीर के कठुआ में बंजारा समुदाय की आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में कुल सात आरोपियों में से 6 को दोषी करार दिया गया था। इनमें से तीन को उम्रकैद और अन्य तीन को 5-5 साल की सजा सुनाई गई है। जिन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, उनमें सांझी राम, दीपक खजुरिया और परवेश शामिल हैं। जबकि तिलक राज, आनंद दत्ता और सुरेंद्र कुमार को 5-5 साल कैद की सजा सुनाई गई है। इससे पहले पठानकोट की अदालत ने मुख्य आरोपी सांजी राम समेत अन्य 6 आरोपियों को दोषी करार दिया। सातवें आरोपी विशाल को बरी कर दिया गया है।


इस फैसले को ध्यान में रखते हुए पठानकोट कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। यहां पर एक हज़ार से अधिक पुलिसकर्मियों को लगाया गया है, इसके अलावा बम निरोधक दस्ता, दंगा नियंत्रक दस्ता तैनात कर दिया जाएगा।

आपको बताते जाए कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। प्रारंभिक मामला जम्मू कोर्ट में चला था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद यह मामला पठानकोट कोर्ट में पहुंचा।

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कठुआ मामले में देश ही नहीं दुनिया में भी लोग सड़कों पर उतर आए थे। इस मामले में पुलिस ने कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक को नाबालिग बताया जा रहा है। मेडिकल परीक्षण से यह भी सामने आया कि नाबालिग आरोपी 19 साल का है। पूरी वारदात के मुख्य आरोपी ने खुद ही सरेंडर कर दिया था।


पीड़िता के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर केस को जम्मू-कश्मीर से बाहर ट्रांसफर करने की गुहार लगाई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय सुनाते हुए  मामले की सुनवाई पंजाब में पठानकोट कोर्ट को ट्रांसफर किया था।