अलीगढ़।
उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में ढाई साल की मासूम की निर्मम हत्या के मामले में
पूरे देश भर में फैले आक्रोश फैला हुआ है। रोंगटे खड़े कर देने वाले इस
वारदात के खिलाफ सोशल मीडिया पर लोगों को गुस्सा देखने को मिल रहा है। वे
आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस आक्रोश के बीच
उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। पुलिस
का कहना है कि वारदात की नृशंसता को देखते हुए आरोपियों के खिलाफ वह नेशनल
सेक्युरिटी एक्ट (एनएसए) भी लगाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने
शुक्रवार को बताया कि मामले की जांच के लिए एसपी (क्राइम) एवं एसपी (देहात)
के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया है।
घटनास्थल के नमूने लेकर
उन्हें जांच के लिए आगरा के फॉरेंसिक लैब भेज दिया गया है। यही नहीं इस
मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो सकती है। मामले में लापरवाही
बरतने पर पांच पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों
के मुताबिक दो गिरफ्तार आरोपियों जाहिद और असलम ने जुर्म कबूल कर लिया है।
बताया जा रहा है कि लडक़ी के पिता ने आरोपियों से 12 हजार रुपए उधार लिए थे
जिसे वह लौटा नहीं पा रहे थे। इस बात से नाराज होकर दोनों आरोपियों ने
मासूम बच्ची को अपना निशाना बनाया।
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘लडक़ी की
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके साथ यौन उत्पीडऩ की बात सामने नहीं आई है।
रिपोर्ट में मौत की वजह दम घुटना बताया गया है।’ उन्होंने कहा कि अपराध की
गंभीरता को देखते हुए आरोपियों के खिलाफ एनएसए लगाए जाने और मामले की
सुनवाई फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इस
बीच लडक़ी के पिता ने आरोपियों के परिवार के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने
की मांग की है। पिता का कहना है कि ऐसा नहीं हो सकता है कि आरोपियों के
परिवार को इस घटना की जानकारी न रही हो। पिता ने कहा कि इस मामले में और
लोगों की गिरफ्तारी यदि नहीं हुई तो वह कल से आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
बुधवार को यह घटना सामने आने के बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया जिसे देखते
हुए टप्पल इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। पुलिस ने एहतियाती
कदम उठाते हुए जिला मुख्यालय के 50 किलोमीटर के दायरे में सुरक्षा के कड़े
इंतजाम किए हैं।
क्या है मामला...
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क्या है मामला...
बता दें, ढाई साल की बच्ची को बिस्कुट के लालच
में बुलाया और उसकी हत्या कर दी गई। हत्यारों ने मासूम की आंखें निकाल ली
और उसके शरीर में तेजाब डालकर तीन दिन तक बोरे में भरकर घर में रखा।
बाद
में मासूम की लाश को कचरे के डिब्बे में फेंक दिया, ताकि कुत्ते उसके शरीर
को नोचकर खा जाएं। यह बच्ची घर से 30 मई को लापता हो गई थी, जिसके बाद
उसके परिजनों ने उसे बहुत खोजा लेकिन वह कहीं नहीं मिली। इसके बाद परिजन
थाने गए तो पुलिस ने 31 मई को गुमशुदगी दर्ज की।
बच्ची के माता-पिता
ने आरोपियों से पचास हजार रुपए उधार लिए थे जिसमें से चालीस हजार रुपए
वापस दे दिए थे। केवल दस हजार रुपए का लेनेदेन बाकी रह गया था।