दौसा के सरकारी अस्पताल में अव्यवस्थाएं, 114 चिकित्सक व स्टाफ कर्मी नदारद मिले, तीन सस्पेंड

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 04 जून 2019, 10:00 PM (IST)

जयपुर/दौसा। विशिष्ट शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं एनएचएम निदेशक डाॅ समित शर्मा जब मंगलवार को औचक निरीक्षण पर चिकित्सा व्यवस्थाओं का जायजा लेने दौसा जिला अस्पताल पहुंचे तो अनेक खामियां देखकर दंग रहे गए। वे खासे नाराज हुए और कार्रवाई करते हुए तीन कर्मचारियों अनुराधा शर्मा, संगीता सैनी और राधा किशन मीणा को सस्पेंड करते हुए इनका मुख्यालय भरतपुर कर दिया है।

एनएचएम निदेशक डाॅ समित शर्मा जब अस्पताल में पहुंचे तो निरीक्षण के दौरान 335 में से 114 चिकित्सक व स्टाफ कर्मी नदारद मिले। सभी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। वहीं इन सभी पर कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वहीं जो-जो संविधाकर्मियों वहां पर मौजूद नहीं मिलने पर उन्हें खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें हटाने के निर्देश दे दिए है।

एनएचएम निदेशक डाॅ समित शर्मा अस्पताल में पहुंचें तो उन्होंने खुद मरीजों से बातचीत कर उनके दुख दर्द जाने तो सामने आया कि चिकित्सालय में डिलीवरी पर पैसे लिए जाते हैं। ऐसे में उन्होंने न केवल विभागीय अधिकारियों को लताड लगाई बल्कि मौके पर ही बुलाकर चिकित्साकर्मियों से पैसा वापस भी दिलवाए।

उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में बिना पैसों के इलाज नहीं होता। लडके के जन्म पर 1200 और लडकी के जन्म पर भी सात आठ सौ रूपए लिए जाते हैं। इसके अलावा सफाई वाले और स्ट्रेचर खींचने वाले के पैसे अलग से लिए जा रहे हैं। इस पर डाॅ शर्मा ने नाराजगी जताते हुए व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के निर्देश दिए।

उन्होंने वहां पाया कि वार्डों में पंखे नहीं चल रहे हैं और मरीजों को परेशानी हो रही है। इतना ही नहीं 20 चिकित्सक निर्धारित समय पर नहीं पहुंचे थे। इस पर डाॅ समित शर्मा ने रजिस्टर अपने कब्जे में लिया और सभी को आडे हाथों लिया। उन्होंने देरी से आने पर पीएमओ डाॅ छोटे लाल मीणा को भी फटकार लगाई। इसके बाद बाद उन्होंने एडीएम और एसडीओ को भी मौके पर बुला लिया।

प्रसूताओं के परिजनों से लेते हैं पैसे
वार्ड और अस्पताल में अन्य जगह पर गंदगी देख समित शर्मा भड़क गए। उन्होंने पीएमओ को इसके लिए डांटा। लेबर रूम की तरफ गए तो वहां और ज्यादा गंदगी मिली। इस पर तो शर्मा और गुस्सा हो गए और मरीज से तो बात की तो मरीजों ने चिकित्सकों की शिकायतों का अंबार लिगा दिया। महिलाओं ने बताया कि बिना पैसे अस्पताल में प्रसव कराना संभव ही नहीं है।

बच्ची का नाम रखा अदिति

इस दौरान एक महिला ने बच्ची को जन्म दिया, तो उसके परिजनों की अनुमति के बाद डाॅ समित शर्मा ने उसका नाम अदिति रखा सवेरे आठ बजे से करीब साढे दस बजे तक डाॅ समित शर्मा अस्पताल का निरीक्षण करते रहे। शर्मा ने रात में हुई डिलीवरी के लिए स्टाफ की ओर से लिए गए पैसे भी प्रसूताओं के परिजनों को वापिस करवाए।
बाहर की दवा लिख रहे थे चिकित्सक पूछा तो नहीं दे पाए जवाब
समित शर्मा जब डाॅक्टर्स रूम में पहुंचे तो दो चिकत्साक डाॅ डीएन शर्मा और डाॅ दिनेश मीणा मरीजों की जांच कर रहे थे। लेकिन दोनों ही मरीजों को अस्पताल के बाहर की दवा लिख रहे थे। जब डाॅ शर्मा ने मरीज की पर्ची देखी और उनसे पूछा कि उन्होंने यह दवा क्यों लिखी और इसकी मरीज को क्या जरूरत है?

जेनेरिक दवा और इस दवा में क्या अंतर है तो इसका जवाब चिकित्सक नहीं दे पाए। डाॅ शर्मा ने बताया कि अनेक अनियमितताएं मिली हैं। सभी मामलों की बारीकी से जांच की जाएगी। इसके लिए एक कमेटी बना दी गई है जो कि शीघ्र ही रिपोर्ट देगी। उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के दौरान सीएमएचओ दौसा डाॅ ओपी बैरवा, आरसीएचओ डाॅ रामफल मीणा सहित विभाग के अनेक अधिकारी उनके साथ मौजूद थे।

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