ग्वालियर में नवाचार के जरिए हर साल 1 प्रतिशत जंगल बढ़ाने का लक्ष्य

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 03 जून 2019, 5:22 PM (IST)

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में विश्व पर्यावरण दिवस पांच जून से पहले जिला प्रशासन ने जंगल बढ़ाने का एक नायाब निर्णय लिया है। बगैर किसी बजट के हर साल एक प्रतिशत जंगल बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत बंदूक का लाइसेंस चाहिए तो पौधे लगाने होंगे, पेट्रोल पंप और क्रेशर शुरू करने के लिए भी पौधे लगाने होंगे।

देश के अन्य हिस्सों की तरह ग्वालियर में भी जंगल लगातार कम होते जा रहे हैं। वहीं आमजन की इसमें भागीदारी भी घट रही है। लिहाजा जिलाधिकारी अनुराग चौधरी ने जिले में जंगल बढ़ाने में आम आदमी की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के मकसद से नवाचार का सहारा लिया है।

चौधरी ने आईएएनस से बातचीत में कहा, ‘‘पर्यावरण के प्रति लोगों में जागृति और उनकी हिस्सेदारी आवश्यक है, लिहाजा इसके लिए एक ऐसी योजना बनाई गई है, जिसमें सरकार पर किसी तरह का आर्थिक बोझ नहीं आएगा और पौधों का रोपण हो जाएगा। बारिश का मौसम करीब है, ऐसे में आमजन की हिस्सेदारी से पौध रोपण अभियान की सफलता सुनिश्चित है।’’

चौधरी ने एक जून से पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए खास कदम उठाए हैं। इसके तहत बंदूक व रिवाल्वर का लाइसेंस उन्हीं लोगों को दिया जाएगा, जो 10 पेड़ लगाएंगे, उसकी देखभाल करेंगे। एक माह का पेड़ होने का प्रमाण देना होगा। इसी तरह यदि कोई व्यक्ति क्रेशर शुरू करना चाहता है तो इसके लिए उसे पहले 100 पौधे लगाने होंगे, और पेट्रोल पंप शुरू करने से पहले 50 पौधे लगाने होंगे।

चौधरी ने कहा, ‘‘गांव हो या शहरी इलाका, हर जगह हरियाली कम हो रही है, पेड़ों की संख्या कम होती जा रही है। इससे बारिश का प्रतिशत भी कम हो रहा है। लिहाजा पौधों का रोपण आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखकर जनभागीदारी से पौध रोपण की योजना बनाई गई है। इसके जरिए हर साल एक प्रतिशत जंगल में इजाफा करने का लक्ष्य है।’’

पर्यावरण के लिए किए जा रहे प्रयास के क्रम में ग्वालियर के क्रेशर एसोसिएशन ने जिले में 3,000 हजार पौधे लगाने का वादा जिलाधिकारी से किया है। इसकी देखभाल भी क्रेशर संचालकों द्वारा की जाएगी।

ग्वालियर-चंबल अंचल में बंदूक-रिवाल्वर एक स्टेटस सिंबल है, तो क्रेशर का कारोबार बड़े पैमाने पर है। साथ ही अन्य स्थानों की तरह यहां भी नए-नए पेट्रोल स्थापित किए जा रहे हैं। पेट्रोल पंप की शुरुआत तभी हो सकेगी, जब संचालक द्वारा 50 पौधे लगाने के प्रमाण दिए जाएंगे। इसी तरह क्रेशर संचालक को 100 पेड़ लगाने के साक्ष्य उपलब्ध कराने होंगे, उसके बाद ही क्रेशर चालू हो सकेगा। इसके लिए जगह प्रशासन चिन्हित करेगा। क्रेशर संचालक को छह माह पहले पौधे लगाने होंगे।

ज्ञात हो कि इसी अंचल के शिवपुरी जिले में लगभग पांच साल पहले तत्कालीन जिलाधिकारी मनीष श्रीवास्तव ने पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए बंदूक के लाइसेंस के लिए पुरुष नसबंदी की शर्त लगाई थी। उसके अच्छे नतीजे सामने आए थे।

आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार, ग्वालियर में लगभग 30 हजार लोगों के पास शस्त्र लाइसेंस हैं, और दो हजार से ज्यादा आवेदन लंबित हैं। लाइसेंस चाहने वालों की संख्या कम करने और पर्यावरण में जनभागीदारी बढ़ाने के मकसद से यह नवाचार किया गया है।
(आईएएनएस)

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