कोलंबो। श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने ने यह कहते हुए विश्व कप अभियान के लिए श्रीलंकाई टीम से जुडऩे से मना कर दिया कि देश में क्रिकेट की जो आज हालत है, उसके कारण इस खेल से उनका मोहभंग हो गया है। ईएसपीएनक्रिकइंफो ने जयवर्धने के हवाले से लिखा, मुझे निमंत्रण दिया गया था, लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण मेरे पास और कई अन्य काम हैं।
मुझसे जिस भूमिका की उम्मीद की गई थी, मैं उसे समझ नहीं पाया हूं। उन्होंने कहा, अब मुझे इसमें शामिल करने का कोई मतलब नहीं है। टीम चुन ली गई है और अब सबकुछ हो चुका है। अब मेरे लिए इसमें कोई जगह नहीं है।
पूर्व कप्तान ने कहा, टीम प्रबंधन के साथ अपने छोटे से योगदान से मैं अब भी खुश हूं, लेकिन सीएलसी (श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड) के साथ कुछ नहीं करूंगा। ये कुछ चीजें हैं, जिसे मैंने खुद को बताया है। मैं उनमें से नहीं हूं, जो किसी के लिए भी काम करना शुरू कर दूं, खासकर तब जब मुझे पता है कि मेरे लिए वह सही जगह नहीं है।
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जयवर्धने ने इससे पहले श्रीलंका की घरेलू क्रिकेट में सुधार को लेकर अपनी
योजना पेश की थी, लेकिन यह विफल रहा था। इसके अलावा उन्होंने लगातार कप्तान
बदले जाने को लेकर भी अपनी निराशा जाहिर की और कहा कि ये सभी राजनीति के
शिकार हुए हैं। जयवर्धने ने 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले
लिया था।
इसके बाद एंजेलो मैथ्यूज, दिनेश चांडीमल, थिसारा परेरा, लसिथ
मलिंगा, चमारा कपूगेडरा और दिमुथ करुणारत्ने को कप्तान बनाया गया। जयवर्धने
ने कहा, मैंने और कुमार संगकारा ने केवल यही सलाह दी थी कि मैथ्यूज को
क्रिकेट में राजनीति नहीं लानी चाहिए थी। उन्हें एक मजबूत कप्तान बनने की
जरूरत थी। लेकिन उन्होंने क्रिकेट को राजनीति से जोड़ दिया। उन्होंने अन्य
लोगों को यह अधिकार दे दिया कि वे निर्णय लें।
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