EVM विवाद : अमित शाह ने बताया जनादेश का अपमान, विपक्ष से पूछे सवाल

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 22 मई 2019, 6:02 PM (IST)

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजे गुरुवार को आने वाले है, इससे पहले ईवीएम को लेकर हंगामा अब तक जारी है। विपक्ष द्वारा ईवीएम पर बार-बार सवाल उठाए जाने के बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा है। अमित शाह ने इसे जनादेश का अपमान बताया है। उन्होंने कहा, ‘ईवीएम का विरोध जनादेश का असम्मान है, 22 दल हार की आशंका में भारत, उसके लोकतंत्र की छवि खराब कर रहे हैं।’

शाह ने कहा, ‘मतगणना से पहले चुनाव प्रक्रिया में बदलाव की विपक्ष की मांग असंवैधानिक, कोई भी फैसला सर्वदलीय सहमति के बगैर नहीं लिया जा सकता।’ उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट कर कई सवाल किए हैं। मैं इन सभी पार्टियों से कुछ प्रश्न पूछना चाहता हूं।

- ईवीएम की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाने वाली इन अधिकांश विपक्षी पार्टियों ने कभी न कभी ईवीएम द्वारा हुए चुनावों में विजय प्राप्त की है। यदि उन्हें ईवीएम पर विश्वास नहीं है तो इन दलों ने चुनाव जीतने पर सत्ता के सूत्र को क्यों संभाला।

- देश की सर्वोच्च अदालत ने तीन से ज्यादा पीआईएल का संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है। जिसमें की हर विधानसभा क्षेत्र में पांच वीवीपैठ को गिनने का आदेश दिया है। तो क्या आप लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे है।

-मतगणना के सिर्फ दो दिन पूर्व 22 विपक्षी दलों द्वारा चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन की मांग असंवैधानिक है क्योंकि इस तरह का कोई भी निर्णय सभी दलों की सर्वसम्मति के बिना संभव नहीं है।

- विपक्ष ने ईवीएम के विषय पर हंगामा छ: चरणों का मतदान समाप्त होने के बाद शुरू किया। एक्जिट पोल के बाद यह और तीव्र हो गया। एक्जिट पोल ईवीएम के आधार पर नहीं बल्कि मतदाता से प्रश्न पूछ कर किया जाता है। अत: एक्जिट पोल के आधार पर आप ईवीएम की विश्वसनीयता पर कैसे प्रश्न उठा सकते है।

- ईवीएम में गड़बड़ी के विषय पर प्रोएक्टिव कदम उठाते हुए चुनाव आयोग ने सार्वजनिक रूप से चुनौती देकर इसके प्रदर्शन का आमंत्रण दिया था। परंतु उस चुनौती को किसी भी विपक्षी दल ने स्वीकार नहीं किया। इसके बाद चुनाव आयोग ने ईवीएम को वीवीपैठ से जोड़ कर चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी किया। वीवीपैठ प्रक्रिया के आने के बाद मतदाता मत देने के बाद देख सकता है कि उसका मत किस पार्टी को रजिस्टर हुआ। प्रक्रिया के इतने पारदर्शी होने के बाद इस पर प्रश्न उठाना कितना उचित है।

- कुछ विपक्षी दल चुनाव परिणाम अनुकूल न आने पर हथियार उठाने और खून की नदियां बहाने जैसे आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं। विपक्ष बताए कि ऐसे हिंसात्मक और अलोकतांत्रिक बयान के द्वारा वह किसे चुनौती दे रहा है। ईवीएम पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे प्रश्न सिर्फ भ्रान्ति फैलाने का प्रयास है, जिससे प्रभावित हुए बिना हम सबको हमारे प्रजातांत्रिक संस्थानों को और मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए।

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