मंत्रिमंडल में फेरबदल तय, शामिल होंगे 2 नए चेहरे

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 21 मई 2019, 4:05 PM (IST)

शिमला। लोकसभा चुनाव की मतगणना के बाद चुनावी प्रक्रिया पूरी होते ही प्रदेश में मंत्रिमंडल में फेरबदल या नए मंत्री को शामिल किए जाने की संभावना भी बढ़ गई है। अपने पुत्र आश्रय शर्मा के मंडी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के कारण अनिल शर्मा पहले ही मंत्रिमंडल से खुद को अलग कर चुके हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में भाजपा उनको पार्टी से बेदखल करने के लिए आगामी कार्रवाई अमल में ला सकती है।

सरकार अनिल शर्मा के स्थान पर किसी अन्य विधायक को मंत्रिमंडल में मौका दे सकती है तथा किशन कपूर के चुनाव जीतने की स्थिति में 2 मंत्रियों को शामिल किए जाने की संभावना है। मंत्रिमंडल में फेरबदल व नए चेहरों को शामिल करने का आधार लोकसभा चुनाव की परफॉर्मैंस भी एक आधार हो सकती है। मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए इस समय रमेश धवाला, नरेंद्र बरागटा और राकेश पठानिया के नाम चर्चा में हैं तथा विधानसभा अध्यक्ष के बदले जाने की स्थिति में डा. राजीव ङ्क्षबदल मंत्रिमंडल का हिस्सा बन सकते हैं।

एक बार फिर बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल की संभावना है। इसके तहत कुछ जिला के डी.सी. और एस.पी. के अलावा उच्च स्तर पर भी प्रशासनिक फेरबदल हो सकते हैं। इसी तरह आई.ए.एस., आई.पी.एस., एच.ए.एस. और एच.पी.एस. अधिकारियों के अलावा वन विभाग में प्रशासनिक सेवा के अधिकारी इधर-उधर हो सकते हैं। मौजूदा समय में प्रदेश से 75 प्रशासनिक अधिकारी चुनाव ड्यूटी पर गए हैं, जो बतौर काऊंटिंग ऑब्जर्वर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनकी गैर-मौजूदगी में प्रदेश में 48 अधिकारी अतिरिक्त दायित्व संभाल रहे हैं, जिनमें 14 आई.ए.एस., 27 एच.ए.एस., 1 एच.एफ.एस. व 6 सचिवालय सेवा अधिकारी शामिल हैं।

चुनाव ड्यूटी से लौटते ही अधिकारियों को अतिरिक्त दायित्व से भारमुक्त करने के अलावा उनके विभागों में भी फेरबदल किए जाने की संभावना है। प्रशासनिक फेरबदल की सुगबुगाहट के बीच कुछ अधिकारी अभी से अपनी एडजस्टमैंट में लग गए हैं ताकि अपनी सुविधा के अनुसार सीट और पद प्राप्त कर सकें। अधिकारियों के अतिरिक्त निचले स्तर पर भी कर्मचारियों के फेरबदल का विकल्प खुल जाएगा। आदर्श चुनाव आचार संहिता हटने के बाद सरकारी व्यवस्था पटरी पर आएगी। पहले की तरह सरकारी कामकाज की समीक्षा होगी और मुख्यमंत्री सहित मंत्री प्रदेश सचिवालय में बैठेंगे। सरकार का प्रमुख कार्यक्रम जनमंच एक बार फिर से शुरू होगा, जिसमें लोगों की समस्याओं के निवारण के लिए मंत्री टूअर करेंगे।

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