JET का 'इंजन' फेल, आधे वेतन पर स्पाइस JET में शामिल हो रहे पायलट, इंजीनियर

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 14 अप्रैल 2019, 8:15 PM (IST)

नई दिल्ली। संकटग्रस्त जेट एयरवेज की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी और सस्ते किराये की विमानन सेवा प्रदान करने वाली कंपनी स्पाइसजेट अब जेट एयरवेज के लिए और मुसीबत बनकर सामने आई है। उसने जेट के पायलटों एवं इंजीनियरों को 30 से 50 फीसदी कम वेतन पर लेना शुरू कर दिया है।

स्पाइसजेट इन दिनों इंजीनियरों और पायलटों की भर्ती कर रही है और वह वित्तीय संकट से ग्रस्त जेट के कर्मियों को 30 से 50 फीसदी कम वेतन पर कंपनी में ले रही है।

उद्योग सूत्रों ने आईएएनएस से कहा कि जेट के पायलटों से कहा गया है कि वे 25 से 30 फीसदी कम सैलरी पर जॉइन कर सकते हैं। वहीं इंजीनियरों को कहा गया है कि वे 50 फीसदी कम सैलरी पर कंपनी में शामिल हो सकते हैं।

यह बहुत पुरानी बात नहीं है, जब स्पाइसजेट सहित कई एयरलाइन इन्हीं पायलटों को बोनस और बेहतर सैलरी पैकेज का लोभ देकर अपनी कंपनी में शामिल होने का न्योता देती नजर आती थीं।

उद्योग के एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा, "जेट कंपनी के बंद होने की आशंका की वजह से पेशेवर सैलरी कट लेने के लिए राजी हो रहे हैं। लेकिन जेट में औसत वेतन भी उद्योग में उपलब्ध वेतन से हमेशा बेहतर रहा है।"

एक सीनियर एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियर ने कहा कि उसके पास डेड़ लाख से दो लाख रुपये प्रति माह वेतन पैकेज का प्रस्ताव है, जबकि वर्तमान में जेट एयरवेज में उसका सीटीसी चार लाख रुपये प्रति माह है।

उसने कहा कि यह बहुत कम वेतन है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि जेट एयरवेज को कोई निवेशक मिलेगा और हमारा वेतन सुरक्षित रहेगा।

स्पाइसजेट के एक कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि एयरलाइन वही वेतनमान प्रस्तावित कर रही है, जो यहां प्रभावी है।

जेट एयरवेज से जुड़े एक सीनियर कमांडर ने कहा कि जो पायलट 4-5 साल अनुभव वाले हैं, वे दूसरे एयरलाइन में जा रहे हैं, क्योंकि जेट में वे वेतन में विलंब की वजह से तकलीफ में हैं।

उन्होंने कहा, "वे होमलोन ले चुके हैं और कई अन्य खर्चे भी हैं। ऐसे में उन्हें इनके भुगतान के लिए समय पर वेतन चाहिए। अभी तक ज्यादातर सीनियर पायलट जेट एयरवेज के साथ बने हुए हैं। वे स्पाइसजेट, इंडिगो या एयर इंडिया में नहीं जा रहे, क्योंकि उन्हें लगता है कि कंपनी बदलने से उनकी वरिष्ठता सूची और वेतन प्रभावित हो सकता है। वे 3-5 साल का बांड नहीं भरना चाहते हैं।"

सीनियर पायलटों ने कहा कि कई सारे को-पायलट जिन्हें पर्याप्त अनुभव नहीं है, वे आमतौर पर 2.9 लाख रुपये प्रतिमाह का वेतन जेट एयरवेज में पाते थे। वे अब दूसरी एयरलाइन में दो लाख रुपये से कम पर भी जॉइन करने पर तैयार हैं।

जेट एयरवेज के अलावा देश में स्पाइसजेट और एयर इंडिया एक्सप्रेस ही बोइंग का संचालन करती हैं। जो कंपनियां बोइंग का संचालन न कर एयरबस का संचालन करती हैं, वे इन पायलटों और इंजीनियरों को लेने से हिचक रही हैं, क्योंकि उन्हें ट्रेनिंग देने में तीन से छह महीने का वक्त लगता है। वे इस दौरान की सैलरी को फलदायी नहीं मानती हैं।

कर्ज और घाटे की वजह से जेट एयरवेज अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। एयरलाइन ने करीब 90 फीसदी उड़ानें रद्द कर दी है।

--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे