अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा पर बाल विवाह रोकने के निर्देश

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 09 अप्रैल 2019, 4:04 PM (IST)

जयपुर। प्रदेश भर में आगामी 7 मई को अक्षय तृतीया एवं 18 मई को पीपल पूर्णिमा पर्व पर संभावित बाल विवाह को रोकने हेतु राज्य सरकार ने सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही बाल विवाह करने वालों के विरुद्ध बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत प्रभावी कार्यवाही करने के आदेश भी दिए हैं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह, राजीव स्वरूप ने बताया कि बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम एवं तहसील स्तर के कार्यालयों के कर्मचारियों तथा अधिकारियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की हिदायत भी दी है। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को आमजन को जानकारी देकर उनमेंं जन जागृति उत्पन्न करने एवं दोनों पर्वों पर बाल विवाह रोके जाने के आदेश भी दिये हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि बाल विवाह के संबंध में समाज की मानसिकता एवं सोच में परिवर्तन लाने के लिए तैयार की गई कार्य योजना को अमल में लाये जाने के पुरजोर प्रयास किये जाये।

राजीव स्वरूप ने बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम के लिए जिला ब्लॉक व जिला स्तर पर गठित विभिन्न सहायता समूह, महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, साथिन, सहयोगिनी के कोर ग्रुप को सक्रिय करने तथा ऐसे व्यक्ति व समुदाय जो विवाह सम्पन्न कराने में सहयोगी जैसे हलवाई, बैण्डबाजा, पंडित, बाराती, पाण्डाल व टेन्ट लगाने वाले, ट्रांसपोर्ट इत्यादि से बाल विवाह में सहयोग नहीं करने का आश्वासन लेना और उन्हें कानून की जानकारी देने को कार्ययोजना में शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ चेतना बैठकाेंं का आयोजन करना, ग्रामसभाआेंं में सामूहिक रूप से बाल विवाह के दुष्प्रभावों की चर्चा करना व रोकथाम की कार्यवाही करना, किशोरियों, महिला समूहों, स्वयं सहायता समूहों व विभिन्न विभागों के कार्यकर्ताओं में स्वास्थ्य, वन, कृषि, समाज कल्याण, प्राथमिक शिक्षा विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर बैठक आयोजित करना, विवाह के लिए छपने वाले निमंत्रण पत्र में वर- वधू की जन्म तारीख प्रिन्ट किये जाने पर बल देने सम्बन्धी महत्वपूर्ण बिन्दुओं को कार्ययोजना मेंं शामिल किया जाएगा।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने समस्त जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकाेंं को निर्देशित किया है कि वे इन दोनों पर्वों पर अपने-अपने क्षेत्र में बाल विवाह रोकने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें तथा इस तरह की सूचना प्राप्त होने पर वे बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत कानूनी कार्यवाही अमल में लावे। सभी जिला कलक्टर्स अक्षय तृतीया से एक माह पूर्व जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं उपखण्ड कार्यालय में 24 घंटे क्रियाशील कन्ट्रोल रूम स्थापित करना सुनिश्चित करेंगे।

उन्होेंने बाल विवाहों के आयोजन किये जाने की स्थिति में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 की धारा- 6 की धारा 16 के तहत नियुक्त बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिये हैं।

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