सोशल मीडिया पर चल रहे झूठे संदेशों से बचो: मुख्य चुनाव अधिकारी

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 05 अप्रैल 2019, 7:48 PM (IST)

चंडीगढ़। भारतीय चुनाव आयोग के ध्यान में आया है कि चुनाव प्रक्रिया के संबंध में सोशल मीडिया पर कुछ झूठे संदेश चल रहे हैं जो कि चुनाव कानून के मुताबिक पूरी तरह सही नहीं हैं। इस संबंधी बताते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी पंजाब डा. एस. करुणा राजू ने नीचे लिखे विवरण दिए हैं।

संदेश 1

‘‘जब आप पोलिंग बूथ पर पहुँचते हो और आपको पता चलता है कि आपका नाम वोटर सूची में नहीं है, तो आप धारा 49ए के अंतर्गत अपना वोटर कार्ड या आधार कार्ड दिखा कर ‘चैलेंज वोट’ के लिए पूछकर वोट डाल सकते हो।’’

यह संदेश बिल्कुल गलत है क्योंकि रिप्रैजैंटेशन ऑफ पीपल एक्ट, 1951 की धारा 62 के अंतर्गत सिफऱ् वह व्यक्ति ही वोट डालने का हकदार होगा जिसका नाम उस हलके की वोटर सूची में दर्ज है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति पोलिंग बूथ पर जाता है और उसका नाम वोटर सूची में दर्ज नहीं है, तो वह वोट नहीं डाल सकता।

मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि आधार कार्ड और वोटर कार्ड उन 12 दस्तावेज़ों में शामिल हैं, जिनका वोटर द्वारा पहचान पत्र के तौर पर प्रयोग करके वोट डाला जा सकता है। अन्य दस्तावेज़ों में पासपोर्ट, ड्राईविंग लाईसंस, केंद्र / राज्य सरकार / पी.एस.यूज़ / पब्लिक लिम. कंपनियोँ द्वारा कर्मचारियों को जारी किये फोटोशुदा सर्विस पहचान पत्र, बैंक / डाक घर द्वारा जारी फोटोशुदा पासबुक, पैन कार्ड ,एन.पी.आर. के अंतर्गत आर.जी.आई. द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय की स्कीमों के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोशुदा पैंशन दस्तावेज़, एम.पीज़ / एम.एल.एज़ / एम.एल.सीज़ को जारी किये गए सरकारी पहचान पत्र शामिल हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि फोटो वोटर स्लिप, वोटर की सहायता के लिए है। इसे पहचान के सबूत के तौर पर प्रयोग नहीं किया जा सकता।

मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि पोलिंग एजेंटों के पास ‘चैलेंज वोट’ का अधिकार दिया गया है यदि कोई संदिग्ध पहचान वाला वोटर देखा जाता है तो इसका प्रयोग किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में पोलिंग एजेंट फज़ऱ्ी पहचान वाले वोटर की वोट को चैलेंज करने के लिए प्रज़ाईडिंग अफ़सर को कुल 2 रुपए प्रति चैलेंज के रूप मेंं जमा करवाने होंगे। प्रज़ाईडिंग अफ़सर इस मामले की जांच करेगा।

यदि जांच के बाद संदिग्ध की पहचान फर्जी नहीं पाई जाती तो चैलेंज किया गया वोटर वोट डाल सकता है। अगर संदिग्ध व्यक्ति की पहचान फर्जी पाई जाती है तो प्रज़ाईडिंग अफसर द्वारा उक्त वोटर के वोट डालने के अधिकार पर रोक लगाकर उसको लिखित शिकायत समेत पुलिस के हवाले कर दिया जायेगा। पुलिस के पास पहुंची ऐसी सभी शिकायतों संबंधी तुरंत कार्यवाही की जायेगी और विवरण का उल्लंघन करने वालों को बनती सजा दी जायेगी। प्रज़ाईडिंग अफसर को ऐसी चैलेंजड वोटों का पूरा रिकार्ड रखना होगा।

संदेश 2:-
‘‘यदि किसी पोलिंग बूथ पर 14 फीसदी से अधिक टैंडर वोटें मिलती हैं तो ऐसे पोलिंग बूथ पर री-पोलिंग करवाई जायेगी।’’ यह जानकारी गलत है। डा. एस करुणा राजू ने पंजाब के वोटरों को ऐसे फर्जी प्रचार से सचेत रहने के लिए अपील की। चुनाव संबंधी और ज्यादा जानकारी 222. www.nvsp.in से या वोटर हेल्पलाईन ऐप डाऊनलोड करके या 1950 पर कॉल करके ली जा सकती है।

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