आंशिक घुटना प्रत्यारोपण है अधिक कारगर और सुविधाजनक: डा. यश गुलाटी

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 25 मार्च 2019, 3:58 PM (IST)

धर्मशाला। घुटने के रोग और दर्द से पीड़ित लोगो को अब पूरा घुटना प्रत्यारोपण नहीं करवाना पड़ेगा क्योकि अब एक नई तकनीक आंशिक घुटना प्रत्यारोपण जिसे आक्सफोर्ड नी भी कहा जाता है। इस रोग से छुटकारा दिलाने में अधिक कारगर और सुविधाजनक साबित हो रही है, आंशिक घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी के बारे में बात करते हुए इन्द्रप्रस्थ अपोलो हास्पिटल्स में जाइन्ट रिप्लेसमेन्ट एवं स्पाईन के सीनियर कन्सलटेन्ट डा. यश गुलाटी ने बताया कि , ‘‘यह एक नई प्रक्रिया है जिसमें पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण के बजाए घुटने के सिर्फ उतने ही हिस्से को बदला जाता है, जितनी ज़रूरत हो।

यह सर्जरी छोटी होती है, इसमें मांसपेशियों को काटने की ज़रूरत नहीं पड़ती, इसलिए मरीज़ जल्दी ठीक होकर अपने रोज़मर्रा के काम शुरू कर सकता है।इस सर्जरी के बाद ज़मीन पर बैठना भी आसान हो जाता है।इसमें मरीज़ को खून चढ़ाने की ज़रूरत नहीं पड़ती।आम जनता में आंशिक घुटना प्रत्यारोपण और इसके फायदों के बारे में जागरुकता की कमी है। पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण करानेवाले 30 फीसदी मरीज़ आंशिक घुटना प्रत्यारोपण से ही ठीक हो सकते हैं।’’

इस सर्जरी में घुटने के सिर्फ उसी हिस्से पर सर्जरी की जाती है जो आथ्राइटिस के कारण खराब हो चुका है और छोटा इम्प्लान्ट लगाया जाता है।साथ ही दो छोटे मैटल कम्पोनेन्ट्स के बीच मोबाइल मेनिस्कस होता है। प्राकृतिक गतिशीलता को बनाए रखने के लिए घुटने के बाहरी हिस्से को नहीं छुआ जाता। इस प्रक्रिया को माइक्रोप्लास्टी इंस्ट्रुमेंटेशन के ज़रिए किया जाता हैआम तौर पर आंशिक घुटना प्रत्यारोपण में एक घण्टे से भी कम समय लगता है।इसमें छोटा चीरा लगाया जाता है और मरीज़ सर्जरी के बाद जल्दी ठीक हो जाता है।’’

हाल ही में ऐसा एक प्रत्यारोपण नाईजीरिया की 67 वर्षीय निवासी श्रीमति डनमालिकिन, जो अपने पैरों पर चलने की उम्मीद पूरी तरह से खो चुकी थीं, का इन्द्रप्रस्थ अपोलो हास्पिटल्स में जाइन्ट रिप्लेसमेन्ट एवं स्पाईन के सीनियर कन्सलटेन्ट डा यश गुलाटी और उनकी टीम ने इस सर्जरी को सफलता पूर्वक पूरा किया।

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