नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने चंद्रबाबू नायडू, अखिलेश यादव, के सी वेणुगोपाल, शरद पवार, अरविंद केजरीवाल, सतीश चंद्र मिश्र समेत विपक्ष के 21 नेताओं की याचिका पर चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके 25 मार्च तक जवाब मांगा है।
विपक्ष के इन नेताओं ने इस याचिका के माध्यम से ईवीएम के माध्यम से चुनाव में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए 50 फीसदी तक वीवीपैट पर्चियों के ईवीएम से मिलान की मांग की गई है।
विपक्षी पार्टियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर दिया है। विपक्षी पार्टियों की अपील है कि इस बार चुनाव में 50 फीसदी ईवीएम-वीवीपैट के मतों की गिनती का मिलान होना चाहिए। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से
कहा है कि वह अगली सुनवाई में अपने किसी सीनियर अफसर को कोर्ट में पेश होने
को कहें, ताकि वह पूरे मामले को समझ सके। इस याचिका पर अब अगली सुनवाई 25
मार्च को होगी। आपको बताते जाए कि इस बार लोकसभा चुनाव में ईवीएम के
साथ-साथ वीवीपैट मशीनों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। पिछले कई चुनाव में
ऐसा देखने को मिला है जब विपक्षी पार्टियों ने चुनावी नतीजों पर सवाल उठाए
हैं और केंद्र सरकार पर भी निशाना साध दिया है।