भाजपा मौजूदा सांसदों को मैदान में उतारेगी या फिर बदलाव होगा, यहां पढ़ें

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 13 मार्च 2019, 3:46 PM (IST)

धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में चार लोकसभा क्षेत्र हैं, यहां इस समय चारों सीटों पर भाजपा काबिज है और प्रदेश में सरकार भी भाजपा की है। इसी के चलते विपक्षी दल कांग्रेस को यहां चुनाव जीतना आसान नहीं है। चुनावी बिगुल बज चुका है। और भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दल मैदान में हैं। चुनाव प्रचार में भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे है। लेकिन प्रत्याशियों को पहली लड़ाई टिकट की लडऩी है। हालांकि प्रदेश में चुनाव सातवें चरण में 19 मई को होने हैं।

दोनों ही दल इसी लिहाज से अपने अपने उम्मीदवार घोषित करेंगे। वर्तमान में मंडी से भाजपा के राम स्वरूप शर्मा सांसद हैं तो वहीं शिमला से वीरेंद्र कश्यप सांसद हैं। कांगड़ा-चंबा सीट से भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार सांसद हैं। वहीं हमीरपुर से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर सांसद हैं। भाजपा किस मौजूदा सांसद का टिकट काटती भी है या नहीं यह देखने वाली बात होगी।

लेकिन इस समय सबसे अधिक चरचा कांगड़ा के सांसद शांता कुमार को लेकर हो रही है। शांता कुमार ने चुनाव न लड़ने की इच्छा जताई थी। लेकिन कुछ समय पहले पार्टी नेतृत्व पर निर्णय छोडऩे की बात कह सियासी माहौल गर्म कर दिया है। लिहाजा अगर शांता कुमार चुनाव नहीं लड़ते हैं तो कांगउ़ा से भाजपा का कौन चेहरा होगा, इस पर मंथन जारी है।


भाजपा में शांता के अलावा प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार का नाम भी जोरों पर है। इसके अलावा केसीसी बैंक के चेयरमैन राजीव भारद्वाज, फतेहपुर से विधायक का चुनाव लड़ चुके कृपाल परमार, वूल फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष त्रिलोक कपूर, पूर्व विधायक दूलो राम के नाम भी चर्चा में हैं। लेकिन यह नाम आगे उसी सूरत में बढ़ेंगे,जब खुद शांता कुमार ही मैदान से हट जायें। व कह दें कि उन्हें चुनाव नहीं लडऩा है।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

वहीं, शिमला संसदीय चुनाव क्षेत्र से भाजपा के वर्तमान सांसद वीरेंद्र कश्यप का टिकट भी आलाकमान के लिये काटना आसान नहीं होगा। कशयप इस समय इस रिजर्व सीट से मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं। हालांकि शिमला से भाजपा टिकट की दौड़ में कई नए चेहरे भी आ गये हैं। इनमें जयराम सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल के अलावा पच्छाद से विधायक सुरेश कश्यप के अलावा रोहडू से विधानसभा का चुनाव लड़ चुकीं शशि बाला, शिमला मेयर कुसुम सदरेट और एचएन कश्यप का नाम भी उनके समर्थक उछाल रहे हैं।

इसी तरह मंडी से भाजपा के मौजूदा सांसद रामस्वरूप शर्मा भी मजबूत दावेदार हैं। रामस्वरूप का नाम मंडी सम्मेलन के दौरान खुद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ले चुके हैं। लेकिन मुख्यमंत्री जयराम के गृह संसदीय क्षेत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कद्दावर नेता पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा के ताल ठोकने के बाद सियासी माहौल बदल गया है। वहीं, कुल्लू से विधानसभा चुनाव हार चुके महेश्वर सिंह और अजय राणा के नाम भी संभावित प्रत्याशी के तौर पर लोगों की जुबान पर है।

इसी तरह हमीरपुर के वर्तमान सांसद अनुराग ठाकुर ने अगले चुनाव को लेकर एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है। लेकिन पिता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की हार के बाद से कुछ नए नामों की चर्चा है। इनमें सबसे बड़ा नाम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती का है। सत्ती ने तो दावा नहीं किया है लेकिन समर्थकों ने सोशल मीडिया पर उनके नाम को लेकर चर्चा छेड़ रखी है। पूर्व सांसद सुरेश चंदेल का नाम अभी भी टिकट के दावेदारों में चल रहा है। आने वाले दिनों में अब यह देखना होगा कि पार्टी मौजूदा सांसदो पर विशवास व्यक्त कर एक बार फिर उन्हें मैदान में उतारती है या फिर बदलाव लाकर सभी को चौंकाती है।