WWW 30वां बर्थडे : इंटरनेट पर ऑनलाइन हो तो ये खबर आपके काम की है!

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 12 मार्च 2019, 6:11 PM (IST)

नई दिल्ली। WWW से आप अच्छी तरह से परिचित होंगे। इसका पूरा नाम वर्ल्ड वाइड वेब है। वैसे कई लोगों का मानना है कि डबल्यूडबल्यूडबल्यू के आने के बाद ही इंटरनेट का जन्म हुआ लेकिन यह सच नहीं है। डबल्यूडबल्यूडबल्यू के जन्म से पहले से ही दुनिया इंटरनेट का इस्तेमाल कर रही है, हां, यह बात जरूर माननी होगी कि डबल्यूडबल्यूडबल्यू ने वेब यानि इंटरनेट का पूरा स्वरूप ही बदल दिया है।

जन्म का श्रेय टिम बर्नर्स को
डबल्यूडबल्यूडबल्यू का इस्तेमाल सबसे पहले सर टिम बर्नर्स ली ने की थी और इसके जन्म का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। उसके बाद 1991 से डबल्यूडबल्यूडबल्यू का इस्तेमाल बड़े स्तर पर होने लगा और आम जनता तक इसकी पहुंच हुई। अब कई लोग डबल्यूडबल्यूडबल्यू का मतलब इंटरनेट समझते हैं तो आइए विस्तार से जानते हैं कि डबल्यूडबल्यूडबल्यू आखिर है क्या और यह इंटरनेट से किस तरह अलग है?

डबल्यूडबल्यूडबल्यू क्या है?
सबसे पहले आपको बता दें कि डबल्यूडबल्यूडबल्यू का फुल फॉर्म वर्ल्ड वाइड वेब है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मौजूद उन सभी वेब पेजेज, तस्वीरों, वीडियो और किसी भी तरह की सामग्री को वर्ल्ड वाइड वेब कहा जा सकता है जिन्हें आप किसी ब्राउजर के माध्यम से एक्सेस कर सकते हैं। इसके अलावा वर्ल्ड वाइड वेब को इस तरह भी परिभाषित किया जा सकता है कि वर्ल्ड वाइड वेब ऑनलाइन कंटेंट का एक नेटवर्क है जो HTML के फॉर्मेट में है और इसे HTTP के जरिए एक्सेस किया जाता है।

इंटरनेट से कैसे अलग है डबल्यूडबल्यूडबल्यू?
कई लोग इंटरनेट और डबल्यूडबल्यूडबल्यू को एक ही चीज समझते हैं लेकिन इसमें कुछ अंतर है। दरअसल बात ऐसी है कि डबल्यूडबल्यूडबल्यू उन पेजेज का एक समूह जिसे आप ऑनलाइन देखते हैं, जबकि इंटरनेट एक बहुत बड़ा नेटवर्क है जिसके जरिए दुनियाभर के कंप्यूटर्स और डिवाइसेज आपस में जुड़े हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो जिस तरह सड़कें दो शहरों को आपस में जोड़ती हैं, उसी प्रकार इंटरनेट दो कंप्यूटर्स को आपस में कनेक्ट करता है।

12 मार्च, 1989 को आया प्रपोजल
डबल्यूडबल्यूडबल्यू को जन्म देने वाले सर टिम बर्नर्स ली का जन्म इंग्लैंड में हुआ था और उनकी पढ़ाई ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी से हुई। 1976 में उन्होंने भौतिक विज्ञान से डिग्री प्राप्त की। 1984 में वे नाभिकीय प्रयोगशाला में फेलो के रूप में काम करने लगे और इस दौरान उन्होंने तीन फंडामेंटल HTML, URL और HTTP लिखे। इसके बाद 12 मार्च, 1989 को टिम बर्नर्स ली ने अपने बॉस को एक प्रपोजल दिया जिसका नाम इंफॉरमेशन मैनेजमेंट: अ प्रपोजल था।

बता दें कि यह वही प्रपोजल है जिससे हमें वर्ल्ड वाइड वेब मिला। साल 2004 में ब्रिटेन की महारानी ने उन्हें नाईटहुड की उपाधि भी दी और 2007 में उन्हें ऑर्डर ऑफ मेरिट सम्मान से भी सम्मानित किया गया।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे