दिल्ली में अतिथि शिक्षकों को 60 साल तक काम करने की इजाजत

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 06 मार्च 2019, 7:04 PM (IST)

नई दिल्ली। राज्य के सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की मदद करने के मकसद से दिल्ली सरकार ने बुधवार को एक नीति को मंजूरी प्रदान की, जिसके अंतर्गत उन्हें नियमित शिक्षकों की तरह 60 साल की उम्र तक काम करने की इजाजत होगी। शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बात की जानकारी दी।

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में फिलहाल 22 हजार अतिथि शिक्षक काम कर रहे हैं। वे 28 फरवरी को अपना अनुबंध समाप्त होने के बाद काम करने की इजाजत नहीं मिलने पर पिछले सप्ताह से सिसोदिया के आवास पर प्रदर्शन कर रहे थे।

नीति के बारे में मीडिया से बात करते हुए सिसोदिया ने कहा कि वह उपराज्यपाल अनिल बैजल से मंजूरी लेने के लिए उनके पास जाएंगे, क्योंकि वह दिल्ली में सेवा मामलों के प्रमुख हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सेवाओं के प्रमुख होने के नाते बैजल न केवल तबादले और तैनाती के लिए, बल्कि शिक्षा विभाग सुचारु रूप से काम करे, इसके लिए भी जिम्मेदार हैं।’’

उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 64 हजार पदों में से 58 हजार पद भरे हुए हैं, जिसमें नियमित और अतिथि शिक्षक दोनों शामिल हैं।

सिसोदिया ने कहा, ‘‘इन 58 हजार में से 22 हजार अतिथि शिक्षक हैं, जिन्हें रिक्ति सूचनाओं के माध्यम से समय-समय पर योग्यता के आधार पर भर्ती किया जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सामने यह नियम है कि इन अतिथि शिक्षकों को हर साल नियुक्त किया जाता है। हमने इसे रोका है। हमने प्रत्येक वर्ष शिक्षकों के0 सामने आने वाली दिक्कतों से बचने के लिए उन्हें बरकरार रखा है।’’

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जहां तक हो सकेगा अतिथि शिक्षकों की रक्षा करेगी, लेकिन हमें बताया गया है कि शिक्षकों की सेवा और उनकी भर्ती केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है।

उन्होंने कहा, ‘‘संविधान की गलत व्याख्या के माध्यम से केंद्र ने उपराज्यपाल के जरिए दिल्ली में सेवाओं पर कब्जा कर रखा है...हम इस तरह कैसे अपने स्कूल चलाएंगे?’’

सिसोदिया ने कहा कि वे दो साल से कह रहे हैं कि अतिथि शिक्षकों को स्थायी किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘अचानक 28 फरवरी से दो हजार शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया। मेरी चिंता केवल इन शिक्षकों को लेकर नहीं, बल्कि इस बात को लेकर है कि अगर कुल 58 हजार शिक्षकों में से 22 हजार सेवा में नहीं होंगे तो हम स्कूल कैसे चलाएंगे।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘केंद्र की भाजपा सरकार शिक्षा विभाग को बेकार करना चाहती है।’’

उन्होंने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के साथ यह उन सभी अतिथि शिक्षकों के लिए लागू होगा, जिन्हें योग्यता के आधार पर भर्ती किया गया है। उन्होंने कहा कि नियमित शिक्षक 60 वर्ष की आयु तक काम कर सकते हैं, यह नियम अतिथि शिक्षकों पर भी लागू होगा।

सिसोदिया ने कहा कि उनके आचार नियम नियमित शिक्षकों की तरह ही होंगे।

बैजल के साथ बैठक के लिए रवाना होने से पहले उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह कोई विशेष नीति नहीं है, जिसे हम लागू करने जा रहे हैं। इसे हरियाणा में भी लागू किया गया था, जहां भाजपा सत्ता में है। अगर वे इसे हरियाणा में कर सकते हैं, तो दिल्ली में क्या दिक्कत है? सेवा प्रमुख उपराज्यपाल ऐसा मिनटों में कर सकते हैं।’’

उन्होंने भाजपा पर सेवाओं के माध्यम से पूरी दिल्ली की व्यवस्था को बिगाडऩे का आरोप लगाया। सिसोदिया ने कहा, ‘‘मैं लोगों से अनुरोध करूंगा कि वे इस बार भाजपा को सत्ता से हटा दें।’’
(आईएएनएस)

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