हरियाणा का बजट - कोई नया कर नहीं, यहां पढ़ें खास बातें

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 25 फ़रवरी 2019, 8:23 PM (IST)

चण्डीगढ़, । हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने हरियाणा विधानसभा में 1,32,165.99 करोड़ रुपये के बजट प्रस्ताव रखा जिसमें कोई नया कर नहीं लगाया गया है।

कैप्टन अभिमन्यु ने, प्रस्तुत किए गये अपने 5वें बजट में हरियाणा एक हरियाणवी एक को ध्यान में रखते हुए राज्य के उच्च विकास की रफ्तार को बनाए रखने और लोगों की इच्छाओं को पूरा करने के उद्देश्य से बजट प्रस्ताव को तैयार किया है।

हमारे देश के इन महापुरुषों के विचारों और मुख्यमंत्री द्वारा राज्यपाल के अभिभाषण पर अपने उत्तर में की गई घोषणा की भावना के अनुसरण में पांच एकड़ तक की भूमि के काश्तकार किसान परिवारों और असंगठित क्षेत्र में लगे श्रमिकों के परिवारों, जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये से कम है, को वित्तीय एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए नई स्कीमें घोषित करते हुए मुझे बड़ा गर्व हो रहा है। किसानों के मामले में यह भारत सरकार द्वारा घोषित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) स्कीम के अलावा होगी। इस बजट में इन स्कीमों के लिए 1500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

अल्प वित्तीय संसाधनों की निगरानी करने और इनका राज्य के समग्र विकास के लिए फलदायी उपयोग करने के लिए मैंने हरियाणा सार्वजनिक वित्त जवाबदेही अधिनियम व आउटपुट-आउटकम फ्रेमवर्क जैसी कई नई पहल की हैं। उन्होंने ‘हरियाणा एक हरियाणवी एक’ की भावना के अनुरूप अपना बजट हरियाणा के लोगों को समर्पित किया।

उन्होंने कौटिल्य के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘कर लेने वाले को करदाता से उसी कुशलता से कर लेना चाहिए जैसे एक मधुमक्खी फूल पर बैठकर उससे पराग लेती है और फूल का कुछ भी नहीं बिगड़ता।’

इसी भावना के अनुरूप, पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी, उन्होंने, न तो हरियाणा मूल्य वर्धित कर (एचवीएटी) अधिनियम, 2003 के तहत करों की वर्तमान दरों में कोई परिवर्तन किया और न ही वित्तीय वर्ष 2019-20 के इन बजट अनुमानों में किसी नये कर का प्रस्ताव रखा।

हालांकि उन्होंने वर्ष 2019-20 के लिए किसी नये कर का प्रस्ताव नहीं किया है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि कर और गैर-कर राजस्व प्राप्तियों की बेहतर वसूली के जरिए वर्ष 2019-20 में 82,219.41 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति होगी, जबकि संशोधित अनुमान 2018-19 में प्राप्तियां 76,828.11 करोड़ रुपये थीं। इसमें राज्य की स्वयं की 51,105 करोड़ रुपये की कर राजस्व प्राप्तियां और 10,024.95 करोड़ रुपये की गैर-कर राजस्व प्राप्तियां शामिल हैं।

वर्ष 2019-20 के लिए, उन्होंने 1,32,165.99 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव किया, जोकि बजट अनुमान 2018-19 के 1,15,198.29 करोड़ रुपये के परिव्यय पर 14.73 प्रतिशत और संशोधित अनुमान 2018-19 के 1,20,375.40 करोड़ रुपये से 9.79 प्रतिशत अधिक है। इस बजट परिव्यय में 37,924.09 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के रूप में 28.7 प्रतिशत और 94,241.90 करोड़ रुपये के राजस्व व्यय के रूप में 71.3 प्रतिशत परिव्यय शामिल है। पिछले वर्ष की तरह, इस वर्ष के बजट आवंटन को भी उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों के साथ संरेखित किया है। उन्होंने 1.32 लाख करोड़ रुपये के कुल बजट में से 46562.37 करोड़ रुपये प्रदेश में क्रियान्वित किए जा रहे 15 सतत विकास लक्ष्यों से सम्बन्धित योजनाओं के लिए आवंटित किया गया है।

कर राजस्व के प्रस्तावित प्रमुख स्रोतों, जीएसटी से 22,750 करोड़ रुपये, वैट से 10,900 करोड़ रुपये, आबकारी शुल्क से 7000 करोड़ रुपये और स्टाम्प एवं पंजीकरण से 6500 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। गैर-कर प्राप्तियों में ईडीसी से 3500 करोड़ रुपये, परिवहन से 2000 करोड़ रुपये और खनन से 800 करोड़ रुपये शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, सरकार अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद के तीन प्रतिशत तक ऋण ले सकती है, जोकि वर्ष 2019-20 में 22,413.79 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, वर्ष 2019-20 में, भारत सरकार से 9,872.82 करोड़ रुपये की राशि का सहायतानुदान वित्तपोषण का एक अन्य प्रमुख स्रोत होगा।

उन्होंने कुल बजट का 26.12 प्रतिशत आर्थिक सेवाओं (अर्थात कृषि एवं सम्बद्ध, सिंचाई एवं ग्रामीण विद्युतीकरण सब्सिडी-10.31 प्रतिशत, बिजली-4.63 प्रतिशत, परिवहन, नागरिक उड्डयन, सड़क एवं पुल-4.12 प्रतिशत, ग्रामीण विकास एवं पंचायत-3.85 प्रतिशत और अन्य 3.23 प्रतिशत) के लिए आवंटित किया है। 30.69 प्रतिशत सामाजिक सेवाओं (शिक्षा-11.61 प्रतिशत, सामाजिक कल्याण- 7.05 प्रतिशत, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण-3.80 प्रतिशत, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी-2.71 प्रतिशत और अन्य-5.52 प्रतिशत) के लिए आवंटित किया है। सामान्य सेवाओं का 15.28 प्रतिशत है (प्रशासनिक सेवाएं- 4.49 प्रतिशत, पेंशन-8.07 प्रतिशत और अन्य-2.72 प्रतिशत) और 27.91 प्रतिशत ऋण की अदायगी (मूलधन-15.33 प्रतिशत और ब्याज-12.58 प्रतिशत) के लिए आवंटित किया गया है।

समावेशी विकास का उद्देश्य अपूर्ण और निरर्थक है, जब तक यह समाज के कमजोर वर्गों और महिलाओं तक न पहुंचे। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए 8,293.90 करोड़ रुपये, जो कल्याण और विकास स्कीमों के 41,386.38 करोड़ रुपये के परिव्यय का 20.04 प्रतिशत है, 2019-20 में एससीएसपी घटक के तहत अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए निर्धारित किया गया है और महिलाओं के कल्याण के लिए 24.07 प्रतिशत, जोकि 9,961.96 करोड़ रुपये है, आवंटित किया गया है।

हरियाणा के वित्त मंत्री के तौर पर लगातार पांचवें वर्ष बजट प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बड़े गौरव का अनुभव करते हुए कौटिल्य के अर्थशास्त्र के उद्धरण ‘प्रजा के सुख में सरकार का सुख है, प्रजा के हित में सरकार का हित है, प्रजा को जो प्रिय है, वही सरकार को प्रिय है’, उल्लेख किया और हरियाणा सरकार की ओर से प्रधानमंत्री का और केन्द्र सरकार के अंतरिम बजट, 2019-20 में नई योजनाओं का स्वागत किया, जिसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, जो किसानों की सहायता के लिए एक योजना है तथा प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना है, जिसके तहत असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को पेंशन के रूप में सुरक्षा आय का विकल्प देती है।

सरकार द्वारा शुरू किए गए दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016, रेरा अधिनियम, 2016 और 2018 में भगौड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम से जवाबदेही और पारदर्शिता में सुधार हुआ है। सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उम्मीदवारों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय सामाजिक न्याय की दिशा में एक और मील का पत्थर है।

उन्होंने सामान्य उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी दरों को कम करने के लिए भी केन्द्रीय वित्त मंत्री की सराहना की, जिससे प्रयोज्य आय में अत्यधिक वृद्धि हुई है और तीव्र विकास की नींव पड़ी है। उन्होंने आयकर सीमा 5 लाख रुपये तक करने के लिए भी केन्द्रीय वित्तमंत्री को बधाई दी, जिससे मध्यम वर्ग के करदाताओं को उल्लेखनीय राहत मिली है। यदि 6.50 लाख रुपये तक की सकल आय वाला व्यक्तिगत करदाता भविष्य निधि, विशिष्ट बचतों, बीमा आदि में निवेश करता है, तो उसे कोई आयकर नहीं देना होगा।

उन्होंने ‘हरियाणा एक हरियाणवी एक’ की भावना के अनुरूप अपना बजट हरियाणा के लोगों को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि ‘मेरा बजट अभिभाषण अत्यंत ध्यान व धैर्य से सुनने के लिए, यदि मैं इस गरिमामयी सदन के प्रत्येक सदस्य का आभार व्यक्त न करूँ तो मैं अपने-आपको अपने कर्त्तव्य में असफल समझूँगा। मैं माननीय मुख्यमंत्री जी का निजी तौर पर आभारी हूँ, जिन्होंने मुझे लगातार पांचवी बार प्रदेश का बजट प्रस्तुत करने का अवसर दिया’।

उन्होंने सदन के सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे इन बजट प्रस्तावों पर चर्चा और विचार-विर्मश करें, जो हरियाणा राज्य के लोगों के लिए समर्पित है। इन्हीं शब्दों के साथ उन्होंने वर्ष 2019-20 के बजट को सदन के विचारार्थ और अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किया।


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