हरियाणा का बजट - बिजली विभाग की घोषणाएं यहां पढ़ें

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 25 फ़रवरी 2019, 8:12 PM (IST)

चंडीगढ़ । हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बिजली विभाग के लिए 12988.61 करोड़ रुपये और नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के लिए 475.91 करोड़ रुपये के आवंटन का बजट प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि सरकार सभी को 24×7 बिजली उपलब्ध करवाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की स्थिति में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। ‘म्हारा गांव, जगमग गांव’ योजना के तहत 675 फीडरों के अधीन आने वाले 3205 गांवों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। पंचकूला, अंबाला, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सिरसा और फतेहाबाद जिलों के सभी गांवों में 24×7 बिजली आपूर्ति की जा रही है।

वर्ष 2019-20 का अपना पांचवां बजट हरियाणा विधानसभा में प्रस्तुत करते हुए हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि उदय (उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना) स्कीम के तहत राज्य सरकार और विद्युत मंत्रालय के बीच हुए एक समझौते के अनुसार, बिजली वितरण कम्पनियों द्वारा सकल तकनीकी एवं वाणिज्यिक घाटे को कम करने के लिए ठोस प्रयास किए गए। वर्ष 2016-17 में सकल तकनीकी एवं वाणिज्यिक घाटा 30.02 प्रतिशत था, जो वर्ष 2018 में घटकर 16.9 प्रतिशत रह गया अर्थात इसमें 13.12 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2017-18 के दौरान वितरण कम्पनियों ने लक्षित वर्ष से दो वर्ष पहले ही वित्तीय बदलाव हासिल कर लिया और 412.34 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।

वर्ष 2018-19 में, सरकार ने बिजली क्षेत्र में कई नई पहल की हैं, इनमें लम्बित बिजली बकाया की समस्या के समाधान के लिए षुरू की गई ‘बिल निपटान योजना’ शामिल है। इस योजना के तहत 20 किलोवाट तक के स्वीकृत भार वाले सभी घरेलू उपभोक्ताओं और 5 किलोवाट तक के स्वीकृत भार वाले गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के जून, 2005 से पहले के सभी लम्बित बिल माफ कर दिए गए। उन्होंने कहा कि 19 जनवरी, 2019 तक 13.48 लाख उपभोक्ताओं ने योजना का विकल्प चुना और 437.52 करोड़ रुपये जमा करवाए, जबकि 3808.61 करोड़ रुपये माफ किए गए तथा कुल 4246.12 करोड़ रुपये की राशि का निपटान किया गया है।

पहली बार, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी प्रदान कर बिजली की दरें घटाकर लगभग आधी की गई, इससे 41.5 लाख उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है, जो कुल घरेलू उपभोक्ताओं का 90 प्रतिशत से अधिक है। भुगतान के विभिन्न ऑनलाइन तरीकों की शुरुआत से डिजिटल लेनदेन की संख्या अप्रैल, 2018 के 43.30 लाख से बढ़कर दिसंबर, 2018 में 57.80 लाख हो गई है।

राज्य ने इस क्षेत्र के प्रबन्धन में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में एक लम्बी छलांग लगाई है। पानीपत शहर में स्मार्ट ग्रिड पायलट परियोजना लागू की गई है, जिसके तहत 10,000 उपभोक्ताओं को शामिल किया गया है। गुरुग्राम में एक और स्मार्ट ग्रिड परियोजना के कार्यान्वयन का कार्य चल रहा है। इससे लगभग 2.5 लाख उपभोक्ताओं को लाभ होगा। इसके अलावा, हरियाणा डिस्कॉम ने जुलाई, 2018 में अगले 3 वर्षों में 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाने के लिए एनर्जी एफिशिएंट सर्विस लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

राज्य सरकार ने 31 दिसंबर, 2018 तक प्राप्त 85,000 लम्बित आवेदनों के संबंध में कनेक्शन जारी करने का निर्णय लिया है। नई नीति के तहत, 10 बीएचपी तक के आवेदकों के पास डिस्कॉम का ग्रिड कनेक्टिड बिजली कनेक्शन या हरेडा से ऑफ-ग्रिड सोलर पावर्ड कनेक्शन लेने का विकल्प होगा। यह भी निर्णय लिया गया है कि राज्य में नए नलकूप कनेक्शन अनिवार्य रूप से सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली और ऊर्जा कुशल पंप सेट के साथ दिए जाएंगे।

बिजली सम्प्रेषण प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए, वर्ष 2019-20 में 19 सब-स्टेशन बनाने, 89 मौजूदा सब-स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने तथा 1000 से अधिक सर्किट किलोमीटर सम्प्रेषण लाइनें बिछाने की योजना बनाई गई है।

बिजली के उचित वितरण के लिए पिछले चार वर्षों में, 33 केवी के 140 नए सब-स्टेशन स्थापित किये गए, 386 मौजूदा सब-स्टेशनों की क्षमता बढ़ाई गई और 1,555 सर्किट किलोमीटर की नई 33 केवी लाइनें बिछाई गई। वर्ष 2019-20 में, 95 नए सब-स्टेशन बनाने, 107 मौजूदा 33 केवी सब-स्टेशनों के संवर्धन तथा नई 700 किलोमीटर लम्बी 33 केवी लाइनें बिछाने की योजना बनाई गई है।

नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा

राज्य सरकार द्वारा प्रदेष में जैव ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए मार्च, 2018 में एक जैव ऊर्जा नीति अधिसूचित की गई। इस नीति के तहत वर्ष 2022 तक 150 मेगावाट की परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

सरकार ने स्वंतत्र बिजली परियोजनाओं को 49.8 मेगावाट क्षमता की चार पराली आधारित जैव ऊर्जा परियोजनाएं आवंटित की हैं, जिनके वर्ष 2020 तक चालू होने की सम्भावना है। इन परियोजनाओं में लगभग 5.55 लाख टन पराली की वार्षिक खपत होगी। सरकार ने वर्ष 2023 तक 1,000 टीपीडी क्षमता के कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्लांट स्थापित करने के लिए इण्डियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके परिणामस्वरूप प्रति वर्ष लगभग 4.0 लाख टन कम्प्रेस्ड बायोगैस का उत्पादन होगा।

वर्ष 2018-19 के दौरान, 18.0 मेगावाट क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाए गए। वर्ष 2019-20 के दौरान 30 मेगावाट की ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। इसके अलावा, 278 गौशालाओं में 1,606 केवी क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए एक परियोजना शुरू की गई है।

हरियाणा सरकार ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य करने वाले वैज्ञानिकों के लिए कल्पना चावला हरियाणा सौर पुरस्कार शुरू किया है। इस पुरस्कार के लिए वैज्ञानिकों का चयन इंटरनेशनल सोलर एलायंस के 121 सदस्य देशों में से किया जाएगा।

राज्य सरकार किसानों की सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें सौर वाटर पंपिंग सिस्टम प्रदान करने की एक योजना लागू कर रही है। इस योजना के तहत किसानों को 2 एचपी और 5 एचपी के सौर वाटर पम्पिंग सिस्टम प्रदान किए जाएंगे, जिन पर 75 प्रतिशत राज्य सब्सिडी होगी तथा 25 प्रतिशत राशि उपयोगकर्ता द्वारा वहन की जाएगी।

सरकार की 3 एचपी से 10 एचपी क्षमता के 50,000 ऑफ-ग्रिड सोलर पंप स्थापित करने की योजना है जिसे 75 प्रतिशत राज्य सब्सिडी के साथ नाबार्ड से ऋण लेकर दो चरणों में लागू किया जाएगा। वर्ष 2018-19 में प्रथम चरण में 15,000 पंप और वर्ष 2019-20 में दूसरे चरण में 35000 पंप लगाने की योजना है।

राज्य के ग्रामीण विद्युतीकरण सब्सिडी के बोझ को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए, राज्य सरकार ने मौजूदा बिजली संचालित नलकूपों को सौर ऊर्जा से चलाने की योजना बनाई है। इसके लिए, दो फीडरों नामत: जिला यमुनानगर में मारूपुर फीडर तथा करनाल में बियाना फीडर में डिस्कॉम्स कैपेक्स मॉडल के माध्यम से एक पायलट प्रोजेक्ट की योजना बनाई गई है। सरकार द्वारा 166 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में क्रमष: 5 किलोवाट तथा 10 किलोवाट क्षमता के ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट भी स्थापित किए जा रहे हैं ताकि इनमें निर्बाध बिजली आपूर्ति की जा सके।

आंगनवाड़ी केन्द्रों में लाइट तथा पंखों की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से, सरकार ने प्रदेश के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में 3 एलईडी लाइट, 2 पंखों और 2 यूएसबी पोर्टस वाली सौर गृह प्रणालियां स्थापित करने की योजना बनाई है। प्रथम चरण में, वर्ष 2018-19 के दौरान 9500 आंगनवाड़ी केन्द्रों में सौर गृह प्रणालियां लगाई जा रही हैं।



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