यूपी में गठबंधन और BJP को लेकर प्रियंका का ये है मास्टर स्ट्रोक

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 23 फ़रवरी 2019, 5:53 PM (IST)

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस में नई जान फूंकने के लिए कांग्रेस पार्टी की महासचिव बनने के बाद से ही प्रियंका गांधी संगठन को मजबूत करने में जुटी हैं। इसके लिए वह उत्तर प्रदेश में कई चरणों की बैठक शुरू करेंगी। इसके माध्यम से वह फीडबैक लेंगी। सपा-बसपा में चुनावी समझौते के बाद कांग्रेस अपने को अलग-थलग महसूस कर रही थी।

ऐसे में दो विकल्प थे कि या तो वह शेष बची सीट पर संतोष करे या सभी 80 सीटों पर किस्मत आजमाए। फिलहाल, कांग्रेस ने अकेले सभी सीट पर लडऩे की मंशा से प्रियंका को सक्रिय किया है। इसके मद्देनजर वह लखनऊ में पिछड़ा वर्ग को लेकर मास्टर स्टोक खेलते हुए रैली को संबोधित करेंगी।

कांग्रेस की ओर से लखनऊ में प्रस्तावित पिछड़ा वर्ग महारैली में पांच लाख से अधिक भीड़ जुटाने की तैयारी की जा रही है। प्रियंका के माध्यम से पार्टी पिछड़े वोट बैंक में सेंधमारी की जुगत में है।
कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय संयोजक अनिल सैनी ने बताया कि पार्टी इस पर काम कर रही है।

ओबीसी वोटरों पर काम करने के लिए कांग्रेस हर गांव में अपना प्रतिनिधि तैनात करेगी। गांव में तैनात होने वाले यह लोग ओबीसी वर्ग के लोगों के बराबर संपर्क में रहेंगे और उन्हें कांग्रेस पार्टी की नीतियों से अवगत कराएंगे।



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उन्होंने कहा, ‘हम रैली में कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां और पिछड़े वर्ग के हित में किए गए कार्यों की चर्चा करेंगे। साथ इन सब मुद्दों को गांव-गांव तक पहुंचाने जा रहे हैं।’ जाहिर है कांग्रेस उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग एजेंडे को गति देने का प्रयास कर रही है।

इस क्रम में कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछड़ा वर्ग विभाग के राष्ट्रीय संयोजक अनिल सैनी को प्रदेश की कमान सौंपी है। सैनी ने बताया कि पिछड़ा वर्ग महारैली की तिथि जल्द ही घोषित की जाएगी।

कांग्रेस पिछड़ों के जरिए सत्ता में वापसी की तैयारी में लगी है। इसके लिए कई प्रकार के अभियान भी चला रही है। पिछली लोकसभा में यह वोट बैंक छिटक भाजपा के खेमें में चला गया था। कांग्रेस पार्टी इस बार गठबंधन से इतर गैर यादव समाज को अपने साथ जोडऩे का प्रयास कर रही है। यदि कांग्रेस अपनी रणनीति में कामयाब हुई तो यह गठबंधन के लिए कड़ी चुनौती साबित होगा। इसीलिए पार्टी ने इस प्रकार के कई कार्यक्रम तय किए हैं जो सीधे पिछड़े वर्ग को जोड़ते हैं।