पंजाब के पानी को बाहर नहीं जाने देंगे: CM अमरिन्दर सिंह

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 20 फ़रवरी 2019, 6:28 PM (IST)

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज पटियाला और फतेहगढ़ साहब जिलों के 409 गांवों में नहरी पानी पर आधारित जल सप्लाई मुहैया करवाने के लिए तीन बड़े प्रोजेक्टों का शिलान्यास करते हुए पंजाब निवासियों को भरोसा दिलाया कि वे राज्य में गिरते जा रहे भूमिगत जलस्तर को बचाने और पंजाब के लोगों को पीने के लिए साफ़ और शुद्ध पानी मुहैया करवाने प्रति वचनबद्ध हैं।

मुख्य मंत्री ने इस दौरान बहादुरगढ़ और इसके नजदीक के 10 गांवों के क्लस्टर में सीवरेज प्रोजैकट लगाने की भी शुरुआत करवाई। जिक्रयोग्य है कि पटियाला जि़ले के इस क्षेत्र में पानी में फलोरायड की मात्रा ज्यादा होने के कारण हड्डियों और दांतो में फलोरोसिस की समस्या पैदा हो रही है। इस मौके मुख्य मंत्री ने विशाल जन सभा को संबोधन करते हुए ज़ोर दे कर कहा कि सरकार पंजाब के पानी को राज्य से बाहर जाने की अनुमति नहीं देगी। उन्होंने साथ ही राज्य के लोगों से अपील की है कि वे पानी को बरबाद ना करें, क्योंकि राज्य का भूमिगत जल दिन प्रतिदिन कम हो रहा है। मुख्य मंत्री ने चेतावनी दी कि अगर हमने अब भी पानी की संभाल ना की तो आने वाली पीढ़ीयों के लिए कुछ भी नहीं छोडकऱ जायेंगे।

मुख्य मंत्री ने कहा कि आज पानी इतना गहरा चला गया है कि गरीब किसान अपनी फसलों की सिंचाई के लिए बड़ी मोटरें और गहरे टयूबवैल लगवाने की हिम्मत नहीं कर सकते है। उन्होंने यह याद दिलाया कि उनकी सरकार ऐसे किसानों के कर्जें माफ करने सहित उनकी हर संभव सहायता करने की कोशिश कर रही है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि आज सारा राज्य पीने वाले पानी की समस्या से जूझ रहा है और यह समस्या अगले सालों में और विकराल रूप धारण करती जा रही है। उन्होंने 1966 की अपनी याद सांझा करते कहा कि वह उस समय गांव मंडौली आए थे जब यह छोटा सा गांव हुआ करता था और तब उनकी माता जी राजमाता महेन्द्र कौर लोक सभा चुनाव लड़ रहे थे और पीने वाले पानी की गांव उस समय पर भी इसी तरह की ही थी। उन्होंने प्रदूषित हो रहे पानी पर दुख प्रकट किया और कहा कि इसी वजह से लोग अनेक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

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इससे पहले पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्य मंत्री ने इन प्रोजेक्टों को लोगों की बेहतरी और भलाई के लिए आरंभ किए प्रोजेक्ट बताते हुए कहा कि इन प्रोजेक्टों को आगामी लोक सभा मतदान के साथ नहीं जोड़ कर नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सूबे के किसी भी क्षेत्र में जब पानी के प्रदूषित हो या इसमें युरेनियम या भारे तत्वों की कोई रिपोर्ट मिलती है तो इस पर तुरंत कार्यवाही करते हुए इस समस्या के लिए प्रयत्न किये जाते हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री ने घनौर के विधायक मदन लाल जलालपुर की तरफ से रखी मांग को पूरा करते हुए गांव मंडौली में 4.70 करोड़ रुपए की लागत के साथ सीवरेज प्रोजेक्ट लगाने का भी ऐलान किया।
इस दौरान करवाए समागम को संबोधन करते हुए पूर्व केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री परनीत कौर ने कहा कि आज शुरू किये गए इन प्रोजेक्टों का क्षेत्र के लोगों पर लंबे समय के लिए अच्छा प्रभाव पड़ेगा और यह यहां के लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए मददगार साबित होंगे, जो कि प्रदूषित पानी पीने के लिए मजबूर थे। उन्होंने स्थानीय विधायकों की तरफ से किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इनकी सरकार की तरफ से किये जा रहे विकास कार्यों और लोक भलाई स्कीमों का लाभ लोगों तक पहुंच रहा है।

जबकि 241. 18 करोड़ रुपए की लागत वाले अकेले मंडौली वाले ट्रीटमेंट प्लांट से रोजना 3.50 करोड़ लीटर साफ़ और शुद्ध पीने योग्य पानी की आपूर्ति 204 गांवों को प्रदान की जाएगी, जिनमें घनौर विधान सभा क्षेत्र के 146 गांव, राजपुरा के 12 गाँव और सनौर के 46 गाँव कवर होंगे और 3.65 लाख लोगों को साफ़ और शुद्ध पीने योग्य पानी उपलब्ध होगा।
इसी तरह 122 करोड़ रुपए की लागत वाले गांव पब्बरा के जल ट्रीटमेंट प्लांट से 112 गाँवों को 1.80 करोड़ लीटर जल सप्लाई हर रोज होगी। इन गांवों में 25 गांव घनौर क्षेत्र के, 62 गांव राजपुरा के, 23 गाँव सनौर के और 2 गांव फ़तेहगढ़ साहब के हैं, यहाँ से 1.63 लाख लोगों को जल सप्लाई होगी और 179 किलोमीटर डी. आई. पाईप लाईने बिछाईं जाएंगी। इन प्रोजेक्टों के पूरा होने पर लोगों को अपने घरों में आर. ओ. लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और उन्हें सस्ती दरों पर गुणवत्ता भरपूर जल मिलेगा। गंदा पानी पीने से पैदा होने वाली बीमारियां से भी छुटकारा मिलने की वजह से लोगों की सेहत में सुधार आएगा, क्योंकि नहरी पानी में वे सभी तत्व मौजूद होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए जरुरी होते हैं।

मुख्य मंत्री की तरफ से बहादुरगढ़ और इसके साथ लगते अन्य गांवों के लिए 45 करोड़ रुपए की लागत के साथ शुरू करवाए कामन सीवरेज स्कीम के चालू होने से बहादुरगढ़ सहित महमदपुर जट्टां, समशपुर, जलालपुर, नसीरपुर, करहेड़ी, डीलवाल, नूरखेडिय़ां, थेड़ी और चौरा गाँवों में लोगों के घरों को सीवरेज प्रणाली के साथ जोड़ा जा सकेगा। इन गाँवों के सीवरेज के गंदे पानी को बड़ी नदी नज़दीक गाँव चौरा में लगाए जाने वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के द्वारा जोड़ा जाएगा।

गांव चौरा की पंचायत ने इस काम के लिए जल सप्लाई और सीवरेज विभाग को ढ़ाई एकड़ जमीन मुफ्त प्रदान की है। इस प्लांट से निकला पानी सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जायेगा और जरूरत ना होने की स्थिति में यह पानी बड़ी नदी में डाला जायेगा और यहां 83.88 किलोमीटर लम्बी सीवरेज लाइनें बिछाईं जाएंगी। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर 10 गांवों के लोगों को लाभ मिलेगा और यह गांव इकौ फ्रेंडली सेनिटेशन सेवाओं का लाभ ले सकेंगे, जो इनके जीवन स्तर में सुधार लाएगा।

उल्लेखनीय है कि अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने अमृतसर, लुधियाना, जालंधर और पटियाला में विष्व बैंक और ए. डी. बी. की सहायता से नहरी पानी पर आधारित प्रोजेक्ट लाने का जिक्र किया था, इन प्रोजेक्टों पर 4800 करोड़ रुपए की लागत आयेगी, जिसके लिए साल 2019-20 में 200 करोड़ रुपए का अग्रिम प्रबंध किया गया है। इससे पहले मुख्य मंत्री का स्वागत करते हुए विधायक मदन लाल जलालपुर, राजपुरा के विधायक हरदयाल सिंह कम्बोज़, फ़तेहगढ़ साहब के विधायक स. कुलजीत सिंह नागरा, बसी पठाना के विधायक स. गुरप्रीत सिंह जी. पी., स. हरिन्दरपाल सिंह हैरीमान और जि़ला देहाती कांग्रेस प्रधान स. गुरदीप सिंह ऊंटसर ने भी संबोधन किया और मुख्य मंत्री की तरफ से यह प्रोजेक्ट लगाने के लिए उनका धन्यवाद किया।

समागम दौरान मुख्य मंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, पी. आर. टी. सी. के चेयरमैन के. के. शर्मा, पंजाब समाज भलाई बोर्ड की चेयरपर्सन गुरशरन कौर रंधावा, नगर निगम के मेयर संजीव शर्मा बिट्टू, सीनियर डिप्टी मेयर स. योगिन्दर सिंह योगी, बीबी अमरजीत कौर जलालपुर, स. गगनदीप सिंह जोली, स. रीतिन्दर सिंह रिक्की मान, मुख्य मंत्री के प्रमुख सचिव स. तेजवीर सिंह, जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग के सचिव श जसप्रीत तलवाड़, मुख्य मंत्री के ओ. एस. डी. स. अंमृतप्रताप सिंह हनी सेखों, आई. जी. स. ए. एस. राए, डिप्टी कमिश्नर कुमार अमित, एस. एस. पी. स. मनदीप सिंह सिद्धू, जल सप्लाई और सेनिटेशन के हैड अश्वनी कुमार, डी. डब्ल्यूएस. एस. के अतिरिक्त सचिव मुहम्मद इशफ़ाक, एस. डी. एम. शिव कुमार, मुख्य इंजीनियर साउथ स. रजिन्दर सिंह, कार्यकारी इंजीनियर स. जसबीर सिंह, इलाके के गाँवों के निवासी और अन्य गण्मान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।