कौशल विकास निगम के निदेशक मण्डल की पांचवीं बैठक आयोजित

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 17 फ़रवरी 2019, 7:03 PM (IST)

शिमला। प्रदेश सरकार विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों कार्यान्वयन सुनिश्चित बनाने के लिए विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए एक कमेटी गठित करेगी। यह निर्णय मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में गत सांय आयोजित हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के निदेशक मण्डल की पांचवीं बैठक में लिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुख्य फलैगशिप कार्यक्रम है और प्रदेश सरकार भी राज्य के युवाओं का कौशल विकास सुनिश्चित बनाने के लिए वचनबद्ध है ताकि उन्हें उद्योगों के मांग के अनुरूप तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि हि.प्र. कौशल विकास परियोजना के अन्तर्गत वर्ष 2018-2023 के बीच 65,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2880 से अधिक युवाओं को व्यावसायिक स्ट्रीम में प्रशिक्षण दिया गया हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 12 राजकीय महाविद्यालयों में व्यावसायिक स्नातक कार्यक्रम आरम्भ किया गया है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि 10 महाविद्यालयों में स्नातक के अन्तिम वर्ष के छात्रों के लिए ग्रेजुवेट एडऑन प्रोग्राम आरम्भ किया गया है, जिसके अन्तर्गत 560 युवाओं का नामांकन किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम रोजगारन्मुखी हो, इस पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि प्रशिक्षुओं को उनके प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात जल्द से जल्द रोजगार उपलब्ध हो।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि जिला समन्वयकां के पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाए ताकि निगम के कार्य का संचालन सही प्रकार से किया जा सके। बैठक में यह भी बताया गया कि निगम की राज्य फलैक्सी समझौता ज्ञापन के तहत औद्योगिक ईकाइयों जैसे सैक्टर स्किल कांउसिल के तहत 4000 युवाओं को प्रशिक्षण देने की योजना है। कौशल विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक रोहन चन्द ठाकुर ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह, मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्य मंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग मनोज कुमार, प्रधान सचिव आबकारी एवं काराधान जे.सी. शर्मा, राज्य समन्वयक नवीन शर्मा, सचिव समान्य प्रशासन डॉ. आर. एन. बत्ता, सचिव वित्त अक्षय सूद, सचिव वित्त के.के. पन्त, श्रम आयुक्त एस.एस. गुलेरिया, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के वरिष्ठ प्रमुख जय कान्त सिंह व अन्य इस अवसर पर उपस्थित थे।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे