जयपुर। पुलवामा के अवंतीपोरा इलाके में आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के कॉन्स्टेबल भागीरथ सिंह का शनिवार सुबह धौलपुर जिले में उनके पैतृक गांव जैतपुर में पूर्ण सैनिक सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। केन्द्रीय राज्य कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत एवं राजस्थान सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने शहीद के घर पहुंचकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तथा उनके परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया।
भारत माता की जय और शहीद भागीरथ अमर रहे के नारों के बीच दूर-दराज से आए हजारों लोगों ने अपने लाडले शहीद को अंतिम विदाई दी। उन्होंने शहीद के पिता परशराम, धर्मपत्नी रंजना देवी और उनके भाइयों के पास बैठकर ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि इतनी कम उम्र में दुनिया से चले जाना किसी भी परिवार के लिए बहुत दुख का विषय है, लेकिन उन्होंने देश के लिए शहादत देकर परिवार के साथ ही पूरे प्रदेश का सिर गर्व से ऊंचा किया। उन्होंने शहीद के 3 वर्षीय पुत्र एवं डेढ़ वर्षीय पुत्री शिवांगी को गोद में लेकर दुलारा और उनके सिर पर हाथ फेरकर प्यार किया।
ग्रामीणों की मांग पर राज्य सरकार द्वारा शहीद भागीरथ के नाम पर स्कूल का नामकरण करने, शहीद विधवा को सरकारी नौकरी दिलवाने का आश्वासन दिया। गम और गर्व भरे माहौल में शहीद के 3 वर्षीय पुत्र विनय ने अपने शहीद पिता को मुखाग्नि दी। तिरंगा लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को सीआरपीएफ ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शहीद के सम्मान में क्षेत्र के बाजार पूरी तरह बंद रहे।
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केन्द्रीय राज्य कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा
कि पूरे देश को शहीदों पर गर्व है। हम इस जन्म में इनका अहसान नहीं उतार
सकते लेकिन परिवार की मदद कर सकते हैं। केन्द्र सरकार के पैकेज के अतिरिक्त
अन्य प्रकार से भी मदद करेंगे। खेत में सिंचाई का प्रबन्ध करेंगे। इसके
लिए केन्द्रीय भूजल बोर्ड या अन्य एजेन्सी से मदद करवाएंगे।
राज्य
महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने बताया कि युद्ध या अन्य
ऑपरेशनों में शहीद सैनिक अथवा अद्र्धसैनिक बलों के कार्मिक के परिवार को
देय सहायता राशि को राज्य सरकार ने बढ़ा दिया है। अब शहीद का परिवार कुल 50
लाख रुपये नकद अथवा 25 लाख रुपये नकद के साथ में 25 बीघा भूमि अथवा 25 लाख
रुपये नकद के साथ राजस्थान आवासंन मण्डल के एक आवास का विकल्प चुन सकता है।
राज्य सरकार द्वारा पूर्व की भांति शहीद परिवार के एक आश्रित को सरकारी
नौकरी, बच्चों को पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति तथा माता-पिता को 3 लाख रुपये की
सावधि जमा भी देय होगी। परिवार के सदस्य को कृषि भूमि पर आउट ऑफ टर्न आधार
पर बिजली कनेक्शन, शहीद की पत्नी एवं आश्रित बच्चों और शहीद के माता-पिता
को राजस्थान रोड़वेज की डीलक्स एवं साधारण बसों में निःशुल्क यात्रा के लिए
पास सुविधा तथा एक विद्यालय का नामकरण शहीद के नाम पर किए जाना भी शामिल
है।