जानिए किस युग में कितनी बार जन्म लेती है एक आत्मा

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 02 सितम्बर 2017, 8:29 PM (IST)

सतयुग, द्वापरयुग, कलयुग हर युग में कोई न कोई भगवन जन्म जरूर लेते है ऐसा सभी लोगों का मानना है, लेकिन क्या आप जानते है कि किस युग में इंसान कितने जन्म लेता है। इसलिए आज हम चारों युगों के बारे में कुछ ऐसी चीज़े बताने जा रहे है, जिनके बारे में आपने आज तक कभी नहीं सुना होगा।

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सतयुग

सतयुग के लिए माना जाता है कि इसयुग मेंभगवन राम ने रावण का वध करने लिए जन्म लिया था, क्योंकि जब-जब इस धरती पर पाप बढ़ा है तब -तब भगवन ने इस धरती को अपना विराट रूप दिखाया है। सतयुग में धरती पर आत्माओं का वास हुआ करता था जिसे वर्ल्ड ऑफ़ सोल भी कहा जाता है। जैसे हर शरीर का अंत होता है ठीक वैसे ही एक समय का अंत भी आता ही है। जानकारी के लिए बता दें सतयुग कि 1,728,000 बाद खत्म होती है, जिसमे एक सामान्य व्यक्ति 1 लाख साल तक जी सकता है जिनका कद 32 फुट लम्बा हुआ करता था।इस युग इंसान अपनी इच्छा अनुसार मर सकता था।

त्रेतायुग

चरों युग हनुमान जी एक मात्र ऐसे भगवान हैं जो अमर हैं, त्रेतायुग में भी हनुमान जी ने भीम को चारों युग के बारे बताया था, किस युग में क्या होता ये भी बताया था। जानकारी के लिए बता दें त्रेतायुग 4 ,32 ,000 वर्षों का होता है, जिसमे एक सामान्य इंसान 10 ,000 साल तक जी सकता था। इस युग में भीम ने हनुमान जी को चारों युग के ज्ञानी के नाम से सम्बोधित किया था।

जब द्वापर युग में गंधमादन पर्वत पर महाबली भीम सेन हनुमान जी से मिले तो हनुमान जी से कहा - की हे पवन कुमार आप तो युगों से प्रथ्वी पर निवास कर रहे हो आप महा ज्ञान के भण्डार हो बल बुधि में प्रवीण हो कृपया आप मेरे गुरु बनकर मुझे सिस्य रूप में स्वीकार कर के मुझे ज्ञान की भिक्षा दीजिये तो हनुमान जी ने कहा - हे भीम सेन सबसे पहले सतयुग आया उसमे जो कामना मन में आती थी वो कृत (पूरी )हो जाती थी इसलिए इसे क्रेता युग (सत युग )कहते थे इसमें धर्म को कभी हानि नहीं होती थी उसके बाद त्रेता युग आया इस युग में यग करने की परवर्ती बन गयी थी इसलिए इसे त्रेता युग कहते थे त्रेता युग में लोग कर्म करके कर्म फल प्राप्त करते थे, हे भीम सेन फिर द्वापर युग आया इस युग में विदों के 4 भाग हो गये और लूग सत भ्रष्ट हो गए धर्म के मार्ग से भटकने लगे है अधर्म बढऩे लगा, परन्तु हे भीम सेन अब जो युग आएगा वो है कलयूग इस युग में धर्म ख़त्म हो जायेगा मनुष्य को उसकी इच्छा के अनुसार फल नहीं मिलेगा चारो और अधर्म ही अधर्म का साम्राज्य ही दिखाई देगा।

द्वापरयुग

यह युग 864 000 वर्षों का था, जिसमे एक पतयेक व्यक्ति 1000 साल तक जी सकता था, ऐसा माना जाता है जैसे- जैसे धरती पर पाप बढ़ेगा वैसे-वैसे इंसान की जीने की उम्र और उसकी इच्छा की पूर्ती कम होने लगेगी। हनुमान जी हा कहना था कि द्वापरयुग में लोग धर्म के मार्ग से भटकने लगेंगे और धरती पर पाप बढ़ने लगेगा। जैसे कि आप सभी जानते हा इस युग में विष्णु जी ने खुद श्री कृष्णा का अवतार लेकर कंस को मौत के घाट उतारा था।

कलयुग

कलयुग में एक आत्मा का जन्म 45 बार होता है और उसकी उम्र 100 साल तक की होगी , इस युग में इंसान पर्यावरण को तहस नहस कर देगा, और इस युग में इंसान की इच्छा पूर्ती कम हो जाएगी और वे पाप का भागीदार बन जाएगा।