जयपुर। बार कौंसिल ऑफ इण्डिया के आह्वान पर अधिवक्ताओं की समस्याओं की तरफ ध्यानाकर्षित करने के लिए मंगलवार को पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन किया गया हैं। देशभर के अधिवक्ता अपनी मांगों को लेकर भारत के प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा।
बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के चैयरमैन सुशील शर्मा ने बताया कि मंगलवार को सभी बार एसोसिएशन, तालुका बार एसोसिएशन उपखण्ड अधिकारी के द्वारा जिला बार एसोसिएशन कलेक्टर के द्वारा और राजधानी में राज्यपाल के द्वारा भारत के प्रधानमंत्री के नाम अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन भेजा है।
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अधिवक्ताओं की पांच सूत्री मांगों में अधिवक्ताओं के लिए सस्ती
आवासीय योजना, न्यायालयों में चैम्बर, पक्षकारों के लिए बैठने की उचित
व्यवस्था, लाईब्रेरी व ई-लाईब्रेरी की व्यवस्था, अन्य सुविधाओं के साथ ही 5
हजार करोड़ रुपये लॉयर्स व लिटिगेन्ट्स के वेलफेयर के लिए बजट में जारी
किया जाए, इसमें अधिवक्ताओं व परिवारजनों का बीमा हो सके और युवा
अधिवक्ताओं को पांच साल के लिए 10 हजार रुपये प्रतिमाह स्थायी फण्ड दिया जा
सके।
अधिवक्ताओं व उनके परिवारजनों को वित्तीय सुविधा (बीमारी, डेथ क्लेम व
पेंशन) प्रदान की जा सके, लीगल सर्विस अथोरिटी एक्ट में परिवर्तन कर बार
कौंसिल को यह कार्य सौंपा जाए, ट्रिब्यूनल्स व मंचों, आयोगों, अथॉरिटी में
अधिवक्ताओं को चेयरमेन बनाया जाए तथा रिटायर्ड जजों के साथ योग्य
अधिवक्ताओं को भी शामिल किया जाए।