राजस्थान हाट बनेगा जयपुर की धड़कन, मार्च में आयोजित होगा

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 10 फ़रवरी 2019, 5:11 PM (IST)

जयपुर। उद्योग विभाग द्वारा जयपुराइट्स को स्वाद की विशिष्टता का रसास्वादन और मसाला आदि रसोई की शुद्ध वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए मार्च के पहले पखवाड़े में आमेर रोड़ जल महल के सामने स्थित राजस्थान हाट पर रसोई-2019: स्वाद राजस्थान का उत्सव का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान हाट को आने वाले दिनों में नियमित मेला स्थल के रुप में विकसित कर जयपुर की धड़कन बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए गए हैं और इस दिषा में यह अग्रणी कदम होगा।


उद्योग आयुक्त डॉ. कृष्णाकांत पाठक ने बताया कि इस उत्सव के माध्यम से उद्योग विभाग द्वारा राज्य स्तरीय फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है जिसमें राजस्थान के स्वाद को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने के लिए समुचित मंच उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अंतर्गत राजस्थान के व्यंजनों और मसालों को उनकी संभावना के अनुरुप लोकप्रिय करने हेतु इस विशेष उत्सव व मेले में प्रदर्षित और बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने उत्सव की तैयारियों व कार्ययोजना को लेकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली और सुझाव आमंत्रित किए।

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आयुक्त डॉ. पाठक ने बताया कि रसोई 2019: स्वाद राजस्थान का प्रमुख रुप से तीन सेगमेंट पर आधारित होगा। इसके साथ ही मेले में पिसे हुए मसालें एगमार्क व पैकिंग में ही उपलब्ध कराए जाएंगे। मिर्च, धनिया, हल्दी आदि मसालों में मिलावट को ध्यान में रखते हुए शुद्ध मसालें व खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए यह पहल की गई है। उन्होंने बताया कि साबुत एवं पिसे हुए मसालों के अतिरिक्त इनके पेस्ट एवं प्रोसेस्ड पैकेज्ड रुप को भी वहां पर उपलब्ध कराया जाएगा। मौके पर ही साबुत मसालों को पीसने की व्यवस्था रखी जाएगी ताकि उपभोक्ता स्वयं उसकी शुद्धता देख सके। खाद्य तेलों के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था तेल घाणी लगाने की योजना है। मसालों के साथ साथ रसोई की और तमाम चीजें जैसे आचार-मुरब्बे, सॉस, पापड़-बड़ी, खाखरे, पाचक चूर्ण-चटनी, केर-सांगरी, काचरी आदि सूखी पंरपरागत सब्जियां, नागौरी मैथी आदि रखी जाएगी। देषी घी, शहद, गुड़ आदि की भी स्टॉल्स लगाई जाएगी।

डॉ. पाठक ने बताया कि राज्य में चौमूं की बर्फी, जैसलमेर के घोटवा लड्डू, गंगापुर का खीरमोहन, अजमेर की सोहनहलुआ, जयपुर के घेवर, गुलाबजामुन, बीकानेर के रसगुल्ले और भुजिया, जोधपुर का मिर्च बड़ा, अलवर का मिल्क केक आदि ऐसे अनगिनत व्यंजन समस्त जिलों और छोटी-छोटी जगहों पर विद्यमान है जहां का स्वाद एकदम अनूठा है और यदि उन्हें आगे और मंच मिले तो वे लाखों-करोड़ों को आकर्षित करने में समर्थ हो सकते हैं। उद्योग विभाग उनके इस निर्माण व सृजन को महत्व देने के लिए पहली बार इस उत्सव के माध्यम से विशेष स्थान देने की योजना बना रहा है। इसी तरह से इस उत्सव में रसोई से जुड़े परंपरागत, प्राकृतिक और आधुनिक उपकरण भी प्रदर्षित और बिक्री की व्यवस्था करने की याजना है ताकि रसोई 2019 जयपुरवासियों के लिए बहुउपयोगी और बहुआयामी उत्सव बन सके।

आयुक्त डॉ. पाठक ने बताया कि मेले की आवष्यक तैयारियां आरंभ कर दी गई है। जिला उद्योग केन्द्रों को जिलों में समंवय बनाते हुए प्रतिभागियों की सहभागिता सुनिश्चित करने को कहा गया है वहीं अन्य संबंधित विभागों व संस्थाओं से समंवय बनाया जा रहा है।