RBI ने 0.25 फीसदी घटाई रेपो रेट, आम आदमी को ऐसे मिलेगी राहत

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 07 फ़रवरी 2019, 12:27 PM (IST)

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने गुरुवार को अपनी छठी मौद्रिक समीक्षा नीति का ऐलान कर दिया। आरबीआई ने रेपो रेट 6.5 से घटाकर 6.25 फीसदी, जबकि रिवर्स रेपो रेट भी घटाकर 6.00 प्रतिशत कर दी है। रेपो रेट में कटौती से आम आदमी को राहत मिलेगी। अब होम लोन की ब्याज दरों में कटौती होगी।

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के 6 में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट में कटौती के फैसले का समर्थन किया, जबकि विरल आचार्य व चेतन घाटे इसके पक्ष में नहीं थे। एमपीसी ने उम्मीद के अनुसार नीतिगत रुख को नपी-तुली कठोरता बरतने को बदलकर तटस्थ कर दिया। इसके अलावा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और राजकोषीय चुनौतियों के कारण माना जा रहा है कि नीतिगत दर में बदलाव नहीं किया जाएगा।

तीन दिन चली एमपीसी की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की। गवर्नर बनने के बाद यह दास की पहली एमपीसी बैठक थी। यह चालू वित्त वर्ष की छठी और आखिरी समीक्षा है। पिछले तीन बार से आरबीआई ने समीक्षा में रेपो रेट को लेकर पहले जैसी स्थिति बरकरार रखी है। उससे पहले अन्य दो समीक्षाओं में प्रत्येक बार दरों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की थी।

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दरअसल अपनी द्विपक्षीय मौद्रिक समीक्षा में आरबीआई देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति और वैश्विक अर्थव्यवस्था से मिल रही चुनौतियों को देखते हुए देश के सभी सरकारी और गैर-सरकारी बैंकों के लिए रेपो रेट और कैश रिजर्व रेशो (सीआरआर) निर्धारित करता है। रेपो रेट वह दर है जिस पर देश का कोई बैंक रिजर्व बैंक से कम अवधि का कर्ज लेता है।

रेपो रेट से देश में ब्याज दरें निर्धारित की जाती हैं जिस पर कारोबारी और आम बैंक उपभोक्ता को बैंक से लिए गए कर्ज अथवा बैंक में जमा पूंजी पर ब्याज मिलता है। वहीं सीआरआर किसी बैंक के पास मौजूद कुल मुद्रा का वह हिस्सा है जो केंद्रीय बैंक के अधीन है। इसे बढ़ा या घटाकर रिजर्व बैंक बाजार में तरलता और बैंक की कर्ज देने की क्षमता में परिवर्तन करता है।