स्वस्थ नागरिकों से ही सुदृढ़ और मजबूत होता है देश: राज्यपाल

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 29 जनवरी 2019, 7:10 PM (IST)

चण्डीगढ़। हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि विश्व के इतिहास का अध्ययन करने से पता चलता है कि कोई भी देश प्रगतिशील, समृद्धशाली, सभ्य तथा सुसंस्कृत तभी हो सकता है, जब वहां के नागरिक शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होगें। विश्व स्वास्थ्य संगठन की विभिन्न रिपोर्टों से भी यह सिद्ध हुआ है कि स्वस्थ नागरिकों से ही देश सुदृढ़ और मजबूत होता है।

राज्यपाल आर्य परम पूज्य गुरूदेव ब्रह्मर्षि विश्वात्मा बावरा जी महाराज के जयन्ती महोत्सव कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंनेे कहा कि मैं आश्रम में पहुंचकर स्वंय को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मैं सर्वप्रथम ब्रह्मर्षि विश्वात्मा बावरा जी महाराज को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।

उन्होंने कहा कि ब्रह्मर्षि विश्वात्मा बावरा जी महाराज आधुनिक युग की उन विशिष्ट विभुतियों में से एक थे, जिन्होंने तप योग और अध्यात्म को ही जीवन का लक्ष्य मान कर मानवता की सेवा का प्रण लिया। ब्रह्मर्षि जी ने लगातार 50 वर्षाें तक देश-विदेश के 150 विश्वविद्यालयों में ब्रह्मविद्या का प्रचार-प्रसार किया। इसके साथ-साथ उन्होने वैदिक सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का भी प्रचार-प्रसार किया।

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राज्यपाल ने कहा कि ब्रह्मर्षि विश्वात्मा बावरा जी महाराज द्वारा विभिन्न विषयों पर 85 ग्रंथ प्रकाशित किए गए। वर्तमान में धर्म, संस्कृति और योग प्रचार के क्षेत्र में ब्रह्मर्षि जी का नाम न केवल देश और प्रदेश में बल्कि अंतर्राष्टीय स्तर पर बडे़ आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है। उन्होने वेदों का अध्ययन कर वैदिक पद्धति के अनुसार योग शिक्षा के स्कूल, काॅलेज भी शुरू किए। वर्तमान में इन शिक्षण संस्थानों में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ मानव जीवन के अच्छे स्वास्थ्य के लिए योग की शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि ‘सभी सुखी रहें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।‘‘ इसी उद्देश्य को लेकर शिविर का आयोजन किया गया है।

उन्होंने कहा कि मेहनत और संघर्ष करने वाले लोग ही समाज में आगे बढ़ते है। भारतीय संविधान के रचियता बाबा साहेब डा. भीम राव अम्बेडकर जी ने गरीबो के उत्थान के लिए शिक्षित बनो, संगठित रहो संघर्ष करो तीन सूत्र दिए इन पर चलते हुए उन्होंने ब्रह्मर्षि आश्रम के पदाधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि वे अपनी शिक्षण संस्थाओं में गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देकर शिक्षित करे ताकि वे भी देश की प्रगति में अपना योगदान दे सके।

उन्होंने कहा कि युवा देश की रीढ़ होता है। युवाओं को माता-पिता, गुरूजनों, जन्मभूमि, मातृभाषा एवं भारतीय संस्कृति का आदर करना चाहिए। नौजवानों को अनुशासन, शिष्टाचार एवं नैतिक मूल्यों को जीवन में उतारना चाहिए क्योंकि अनुशासन ही देश को महान बनाता है। युवा अनुशासन में रहकर अपनी शिक्षा के लिए मेहनत करें तो निश्चित रूप से उन्हें सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि गुरू ज्ञान का दाता एवं पथ-प्रदर्शक होता है। जिनका स्थान भगवान से भी ऊपर है।

राज्यपाल ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी वैदिक संस्कृति के अनुरूप योग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू की। यहां तक की संयुक्त राष्ट्र संघ में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित करवाया। इसके साथ-साथ उन्होने जन-जन के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए अन्य प्रकार की योजनाएं शुरू की। इनमें प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना, स्वच्छ भारत- स्वस्थ भारत, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं, सबका साथ सबका विकास तथा उज्जवला योजना, शौचालय इत्यादि चलाकर लोगों को लाभान्वित किया।