गणतंत्र दिवस : राष्ट्रपति ने देशवासियों को किया संबोधित,विविधता हमारी सबसे बड़ी ताकत

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 25 जनवरी 2019, 8:40 PM (IST)

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस 2019 की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को 70वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के नाम संदेश देते हुए कहा कि देश के संसाधनों पर हम सभी का बराबर का हक है, चाहे हम किसी भी समूह के हों, किसी भी समुदाय के हों, या किसी भी क्षेत्र के हों।

भारत की बहुलता, हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हमारी डाइवर्सिटी, डेमोक्रेसी और डेवलपमेंट, पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि सबको साथ लेकर चलने की समावेशी भावना, भारत के विकास का मूल-मंत्र है। इस विकास के दायरे में, हम सभी देशवासी शामिल हैं। जन-सुविधाएं सबकी पहुंच में हों तथा विकास के अवसर सभी को समान रूप से मिलें, इस सोच के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे गणतंत्र के लिए यह वर्ष विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इसी वर्ष 2 अक्टूबर को, हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाएंगे। गांधीजी ने, हम सबको एक नई दिशा दिखाई। उन्होंने भारत ही नहीं अपितु एशिया, अफ्रीका तथा दुनिया के कई अन्य देशों में साम्राज्यवाद को खत्म करने के लिए, लोगों में आत्म-विश्वास एवं प्रेरणा का संचार किया और उन्हें आजादी की राह दिखाई। बापू, आज भी, हमारे गणतंत्र के लिए नैतिकता के प्रकाश-पुंज हैं। आज भी उनका जीवन एवं उनकी शिक्षाएं हमारी नीतियों और कार्य-कलापों की कसौटी हैं। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती, केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए, उनके आदर्शों को गहराई से समझने, अपनाने और अमल में लाने का अवसर है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि स्वतन्त्रता सेनानियों के उच्च आदर्शों पर चलते हुए हमने आजादी हासिल की। जनता को सर्वोपरि मानने वाले मूल्यों ने हमारे गणतंत्र को वर्तमान स्वरूप प्रदान किया। वही आदर्श और मूल्य, लोकतन्त्र और संविधान के प्रति हमारी अटूट आस्था में रचे-बसे हैं। हम सभी भारतवासियों को इस वर्ष एक और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने का अवसर मिलने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा के निर्वाचन के लिए होने वाले आम-चुनाव में, हम सबको अपने मताधिकार का प्रयोग करना है। इस चुनाव के दौरान, हम सब अपने मताधिकार का प्रयोग, अपनी लोकतान्त्रिक मान्यताओं और मूल्यों के प्रति पूरी निष्ठा के साथ करेंगे। यह चुनाव, इस मायने में विशेष होगा कि 21वीं सदी में जन्म लेने वाले मतदाता, पहली बार, मतदान करेंगे और नई लोकसभा के गठन में अपना योगदान देंगे।

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