आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10% आरक्षण, गुजरात के बाद यहां हुआ लागू

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 15 जनवरी 2019, 6:38 PM (IST)

रांची। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में 10 फीसदी आरक्षण अब झारखंड सरकार ने भी लागू कर दिया है। गुजरात के बाद झारखंड ऐसा करने वाला दूसरा राज्य है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए।

गुजरात ने की थी सबसे पहले घोषणा...
गुजरात सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर समान्य वर्ग को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा कर दी है। गुजरात देश का पहला राज्य है जिसने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिलने के बाद राज्य में आरक्षण की इस व्यवस्था को लागू कर दिया है।

कैबिनेट ने लगाई थी मुहर...

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कैबिनेट ने लगाई थी मुहर...
सामान्य वर्ग के आर्थिक रुप से पिछड़े लोगों को नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने 7 जनवरी को मुहर लगाई थी। इसी दिन इस फैसले की जानकारी देश को दी गई थी। 8 जनवरी को इसके लिए लोकसभा में संविधान का 124वां संशोधन विधेयक 2019 पेश किया गया। इसी दिन ये बिल लोकसभा में पास हो गया, इस बिल के समर्थन में 323 वोट पड़े जबकि इस बिल के विपक्ष में 3 सदस्यों ने मतदान किया।

राज्यसभा में पास हुआ बिल...

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राज्यसभा में पास हुआ बिल...
बता दे, 9 जनवरी को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया। इसके लिए राज्यसभा की बैठक को एक दिन के लिए बढ़ाया गया। राज्यसभा में भी इस बिल पर लंबी बहस हुई और उसी दिन इस बिल को सदन से पास कर दिया गया। राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 165 वोट पड़े थे, जबकि 7 सदस्यों ने इस बिल के विरोध में मतदान किया था। दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद इसे आखिरी मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया। अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी इस बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

8 लाख तक है सालाना आय की सीमा...

इसके तहत आरक्षण का लाभ पाने वाले अभ्यर्थी के परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। हालांकि संसद में चर्चा के दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि राज्य सरकारें चाहे तो इस सीमा में बदलाव कर सकती है। कानून मंत्री के मुताबिक राज्य सरकारों के पास इस सीमा में बदलाव का अधिकार है।

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