हाथ में हैं ये रेखाएं तो पुत्र होगा पहली संतान, इन रेखाओं के बारे में जानिए

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 14 जनवरी 2019, 3:10 PM (IST)

प्राचीन काल से अपने भविष्य को जानने की तीन प्रक्रियाएं चलती आ रही है, ज्योतिष शास्त्र, अंक ज्योतिष और हस्त शास्त्र। ज्योतिष शास्त्र में कहा जाता है कि हाथों की लकीरें पढकर एक व्यक्ति को उसके भूतकाल, वर्तमान और भविष्य की जानकारी देने की कला को हस्त अध्यन और हस्त शास्त्र कहते है। ज्योतिष के अनुसार, इंसान की कुंडली या हस्तरेखा में उसके राज छुपे होते है।

ज्योतिष शास्त्र के अध्ययन में इन बातों का बखान किया गया है। आपकी हाथों की ये लकीरें क्या कहती है आइए जानते है।

मणिबंध रेखाओं का भविष्य बताने में अहम योगदान...

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

मणिबंध रेखाओं का भविष्य बताने में अहम योगदान...
हाथ की सभी रेखाओं का सामुद्रिक शास्त्र में कुछ ना कुछ महत्व बताया गया है। हाथ की कलाई पर बनी मणिबंध रेखाओं का भी भविष्य कथन में अहम योगदान है। मणिबंध की रेखाओं से आयु, स्वास्थ्य और संतान की भविष्यवाणी की जा सकती है। इन रेखाओं से बताया जा सकता कि व्यक्ति की उम्र कितनी होगी।

ज्योतिषों के अनुसार, मणिबंध रेखाएं हाथ की कलाई पर शुरुआत में बनी होती है। यह किसी की कलाई पर तीन तो किसी की कलाई पर दो या चार भी होती हैं। यही रेखाएं आयु, स्वास्थ्य और संतान की भविष्यवाणी करती हैं।

चार मणिबंध रेखाओं को होना...

ये भी पढ़ें - विवाह में आ रही है परेशानी तो अपनाएं ये उपाय

चार मणिबंध रेखाओं को होना...
मणिबंध रेखाएं आयु से जोडक़र भी देखी जाती है। सामुद्रिक शास्त्र और अन्य शास्त्रों के अनुसार एक मणिबंध रेखा 25 वर्ष की आयु को दर्शाती है। इसी तरह दो रेखाएं हो तो जातक की आयु 50, तीन हों तो 75 और अगर चार मणिबंध रेखा हो तो जातक बेहद सफल, संपन्न और शतायु होता है।

पुत्र होने का इशारा करती है ये रेखा...

ये भी पढ़ें - इन 11 उपायों को अपनाने से रुकती है लक्ष्मी, धन-धान्य से भरा रहता है घर

पुत्र होने का इशारा करती है ये रेखा...
मणिबंध रेखा से अगर कोई रेखा निकलकर चन्द्र पर्वत की तरफ जाए तो ऐसे व्यक्ति के जीवन में विदेश यात्रा के योग बनते हैं। दो या चार मणिबंध रेखाओं का होना जातक के जीवन में प्रथम संतान कन्या के होने का संकेत देती हैं और विषम जैसे एक और तीन मणिबंध रेखाएं हों तो प्रथम संतान पुत्र होने की ओर इशारा करती है।

- यदि संतान रेखा उतनी ही स्पष्ट हो जितनी कि उसके पत्नी की है तो जातक बच्चों को बहुत प्यार करता है और उसका स्वभाव बहुत ही स्नेही होता है।

- रेखा के पतले भाग में द्वीप हो तो संतान आरम्भ में निर्बल होगी, लेकिन बाद में यही रेखा स्पष्ट होगी तो स्वस्थ्य हो जायेगें।

- यदि संतान रेखा के अन्त में द्वीप चिह्न हो तो बच्चा जीवित नहीं रहता।

- यदि हृदय रेखा बुध क्षेत्र पर दो या तीन रेखाओं में विभाजित होकर शाखा स्पष्ट हो तो वह व्यक्ति संतान युक्त होता है।

ये भी पढ़ें - किसी को भी वश में करने के वशीकरण उपाय