नई
दिल्ली। तीन साल पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू)
छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान
भट्टाचार्य तथा कुछ अन्य लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की जांच अब पूरी हो
चुकी है। दिल्ली पुलिस ने 2016 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई देशविरोधी नारेबाजी के मामले में सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। दिल्ली पुलिस की ओर से 1200 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई है। दिल्ली पुलिस की ओर से दायर की गई चार्जशीट पर मंगलवार (15 जनवरी) को सुनवाई संभव है।
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124ए, 323, 465, 471, 143, 149, 147, 120बी के तहत चार्जशीट दाखिल की है। इसमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, राया रसूल, बशीर भट्ट समेत अन्य लोग आरोपी बनाए गए हैं।
इस संबंध में दिल्ली पुलिस कमिश्नर और अभियोग से जरूरी अनुमति
ले ली गई है। जांच के मुताबिक,
कन्हैया कुमार ने 9 फरवरी 2016 को उन प्रदर्शनकारियों की अगुवाई की थी जिसमें
नारेबाजी हुई थी।
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पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि इस कार्यक्रम के लिए किसी भी तरह की अनुमति
की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। चार्जशीट के मुताबिक, जब इन्हें
रोका गया और बताया गया कि इस तरह के किसी कार्यक्रम की आपके पास अनुमति
नहीं है तो कन्हैया कुमार आगे आ गए और सुरक्षा अधिकारी से बहस करने लगे
जिसके बाद भीड़ ने नारेबाजी शुरू कर दी।
जेएनयू में आयोजित इस
कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर देश विरोधी नारे भी लगे थे जिसे लेकर काफी
बवाल हुआ था। बाद में कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी पर जमकर विवाद हुआ और
समूचे विपक्ष ने पुलिस की आलोचना करते हुए कहा था कि पुलिस सत्तारूढ़ भाजपा
के इशारे पर काम कर रही है। कई लोगों ने इसे बोलने की आजादी पर पाबंदी
लगाने वाला कदम लगाया था।
इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने संसद हमले
के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के खिलाफ जवाहरलाल नेहरू
विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में कथित तौर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था
जिसमें देश विरोधी नारे लगे थे। राजद्रोह के आरोपों पर इन्हें 2016 में
गिरफ्तार किया गया था।
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