बॉलीवुड के
बादशाह कहे जाने वाले अभिनेता शाहरुख खान की फिल्म ‘ओम शांति ओम’ का एक
फेमस डॉयलॉग कहते है कि जब किसी चीज को दिल से चाहो, तो पूरी कायनात उसे
तुमसे मिलने कोशिश में लग जाती है। कुछ ऐसा ही एक कपल के साथ हुआ। जिसके
बाद उनकी लव कहानी फिल्म ‘वीर जारा’ जैसी साबित हुई।
जिसमे दिखाया गया था
कि कैसे दो प्यार करने वाले एक-दूसरे से बिछड़ जाते हैं और फिर सालों बाद
दोबारा मिलते हैं। लेकिन आज हम एक ऐसी ही रियल लाइफ लव स्टोरी बताने जा रहे
हैं जिसमे दो कपल पूरे 72 साल बाद एक देसरे से मिलते हैं।
ऐसे में इन
दोनों का रिएक्शन क्या था और उनकी कहानी क्या हैं ये सभी जानकारी हम
विस्तार में जानते हैं।
1946 में शुरू हुई लव स्टोरी...
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1946 में शुरू हुई लव स्टोरी...
ये कहानी केरल के कन्नूर में
रहने वाले दो लोगों की हैं। केरल के रहने वाले ईके नारायण नांबियार (90) ने
कभी सोचा भी नहीं था कि 1946 में पत्नी सारदा (86) से जुदा होने के बाद
किस्मत उन्हें फिर मिलाएगी। हालांकि, 72 साल बाद यह तब संभव हुआ जब दोनों
की दूसरी शादी से हुए बच्चों ने नारायण और सारदा को मिलाया।
ये
कहानी पूरी फिल्मी लगती है, लेकिन है सच। जहां एक तरफ सारदा 85 वर्ष की हैं
तो वहीं दूसरी ओर नारायण 90 साल के हैं। इन दोनों की कहानी शुरू हुई सन
1946 में शुरू हुई थी। 1946 में 18 वर्ष की उम्र में नारायण की शादी 13 साल
की सारदा से हुई थी। इस दौरान सारदा 13 साल की थी जबकि नारायण 17 साल के
थी। हालांकि इस शादी को मुश्किल से एक साल भी नहीं हुआ था और ये दोनों एक
दूसरे से बिछड़ गए थे।
ऐसे बिछड़ गए दोनों...
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ऐसे बिछड़ गए दोनों...
नारायणन ने कवुमबाई के किसान आंदोलन में
अपने पिता थालियान रमन नांबियार के साथ थे हिस्सा लिया था। ऐसे में इस
आंदोलन के कारण ये बाप बेटे अंडरग्राउंड हो गए थे, हालांकि दो महीने बाद ही
पुलिस ने इन्हें ढूंढ निकला था और जेल में डाल दिया था। बाद में पुलिस ने
सारदा और उनकी सास को भी पकडऩे की कोशिश की लेकिन सारदा की सास ने उन्हें
किसी तरह बचा लिया। हालांकि इस दौरान पुलिस ने उनके घर में आग लगा दी।
इसके
चलते सास ने सारदा को मायके वापस भेज दिया। सारदा के मायके वालो ने उसके
पति नारायण को ढूंढने की कई कोशिशे की लेकिन जब उन्हें कोई उम्मीद नहीं
दिखाई दी उन्होंने सारदा की दूसरी शादी कर दी। इस शादी से सारदा को 6 बच्चे
हुए जिसमे से 2 की मौत भी हो गई। सारदा जब 72 की हुई तो उनके एक बेटे
भार्गवन ने अपनी मां को उनके पहले पति से मिलाने की ठान ली।
इधर जेल
में बंद नारायण और उनके पिता पर एक हमला हुआ था जिसके चलते पिता की मौत हो
गई थी। नारायण 8 साल जेल में रहने के बाद 1954 में रिहा हुए। बाहर आते ही
उन्होंने भी दूसरी शादी कर ली।
ऐसे मिले दोबारा...
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ऐसे मिले दोबारा...
सारदा का बेटा भार्गवन अपनी मां को नारायण से
मिलाना चाहता था। उसे अपनी मां की पहली शादी के बारे में जानकारी थी। वो
नारायण के कुछ रिश्तेदारों को भी जानता था। ऐसे में उसने नारायण को किसी
तरह ढूंढ निकाला। जब भार्गवन ने मां सारदा को नारायण से मिलने को कहा था तो
शुरुआत में तो वो नहीं मानी हालांकि कुछ देर मनाने के बाद वो मान गई।
फिर
एक दिन दोनों पूरे 72 साल बार दोबारा एक दूसरे से मिले। जब इन दोनों ने
पहली बार एक दूसरे को इतने सालों बाद देखा तो कुछ देर तक तो ये लोग चुप
रहे। हालांकि बाद में दोनों की आंखों से आंसू निकल आए और फिर बातचीत शुरू
हुई।
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