चर्चा नहीं की, इसलिए गहलोत सरकार से नाराज हुए स्पीकर कैलाश चंद्र मेघवाल

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 10 जनवरी 2019, 1:18 PM (IST)

जयपुर । गहलोत सरकार को विधानसभा सत्र बुलाने से पहले विधानसभा स्पीकर कैलाश चंद्र मेघवाल से रायमशविरा नहीं करना भारी पड़ रहा है। इसके चलते स्पीकर कैलाश चंद्र मेघवाल ने राज्यपाल कल्याण सिंह से मुलाकात करके अपनी आपत्ति दर्ज करवा दी है। यह राजस्थान विधानसभा के इतिहास में पहला मौका है, जब स्पीकर ने राज्यपाल की तरफ से सत्र आहूत होने की सूचना के बाद भी समन जारी नहीं किए है।
वहीं गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में स्पीकर कैशाल चंद्र मेघवाल ने कहा कि नियमों के तहत नई सरकार को विधानसभा सत्र आहूत करने से पहले स्पीकर से चर्चा करनी होती है, यह एक अनिवार्य शर्त है, इसके बाद ही विधानसभा सत्र बुलाया जा सकता है। लेकिन सरकार ने 15वीं विधानसभा का पहला सत्र 15 जनवरी 2019 को बुलाना तय किया है, और इसकी सूचना संसदीय कार्य विभाग से मुझे 8 जनवरी को पत्र के जरिये प्राप्त हुई थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तीसरी बार सीएम बने है और अनुभवी है और संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल भी अनुभवी है, लेकिन किसी ने भी चर्चा नहीं की, और सत्र आहूत राज्यपाल के जरिये करवा दिया। उन्होंने कहा कि अगर सत्र आहूत होता है,तो यह नियमों के विरूद्ध होगा। लेकिन इससे पहले मुझसे चर्चा की जाएगी, फिर सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सत्र आहूत किया जा सकता है। इसलिए अभी तक मैंने समन भी जारी नहीं किए है। उन्होंने कहा कि सत्र आहूत किये जाने तारीख में 21 दिन की समयावधि भी देखनी होती है, लेकिन यह भी गहलोत सरकार ने नहीं देखा है, जो कि नियमों का उल्लंघन है।


मेघवाल ने कहा कि गहलोत सरकार अपनी गलती स्वीकार करें और मुझसे चर्चा करे। उन्होंने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल का भी इस मामले में मुझे फोन आ चुका है। लेकिन अगर वह चर्चा करेंगे, तो स्पीकर होने के नाते नियमों के तहत सभी कार्य पूरे होंगे।

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