जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग राजेश्वर सिंह ने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों व अति. मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिये है कि वे चौदहवें वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग सहित ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधीन संचालित योजनाओं के समस्त कार्र्यो को निर्धारित समय सीमा मेें पूर्ण करना सुनिश्चित करें अन्यथा उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
सिंह बुधवार को शासन सचिवालय में मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, अति. मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, जिला संख्यिकी अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से विभाग की समस्त प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा हेतु आयोजित राज्य स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सम्बोधित कर रहे थे।
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उन्होेंने कहा कि चौदहवें वित्त आयोग के तहत कराये जाने वाले कार्यों यथा सीसी रोड़, नाली, खरन्जा, स्वच्छता, पेयजल, इन्टरलोकिंक, सार्वजनिक शौचालयों, हैण्डपम्प एवं अन्य कार्यो की प्रभावी मॉनिटरिंग करें। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की खराब हालत व अन्य कार्यों की कमजोर गुणवत्ता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जिला परिषदों के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी राज्य वित्त आयोग की गाईड लाइन की पालना करें। प्रत्येक पंचायत में परिसम्पत्तियों का रजिस्ट्रर संधारित कर उनका सत्यापन करावे व जनता जल योजना के तहत बिलों का भुगतान शीघ्र करें ।
महानरेगा को अधिकार आधारित योजना बनाने के लिए उन्होंने निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में श्रम के इच्छुक लोगों के प्रपत्र 6 भराएं, नये जॉब कार्ड का पंजीकरण करें, नरेगा श्रमिकों को भुगतान संबंधी जानकारी आम सभा में दे व ज्यादा से ज्यादा नरेगा श्रमिकों को जागरूक करें कि नरेगा के तहत 90 दिन काम करने पर श्रम विभाग से अनेक लाभ मिलते है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने 30 करोड़ कार्यदिवस सृजित करने के लक्ष्य पर जोर देते हुए कहा कि अधिकारी अपनी कार्य क्षमता व बुद्धिमता का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें, क्योंकि इस वित्तीय वर्ष में 8 करोड़ कार्य दिवस बढ़ाये जाने है। इसके लिए अधिकारी प्रतिदिन का लक्ष्य निर्धारित करें साथ ही ग्राम पंचायत विकास योजनाओं को प्राथमिकता दें।
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स्वच्छ भारत मिशन के तहत नरेगा श्रमिकों के भुगतान को प्राथमिकता
देेते हुए सिंह ने इस कार्य को 20 जनवरी तक पूर्ण करने, काम मांगों अभियान
के तहत अधिकारियों को दौरे कर काम चाहने वाले बेरोजगार लोगों का पता लगाने,
प्रत्येक पंचायत में एक चारागाह विकास कार्य करवाने, जलाशयों का निर्माण
करवाने, ई-पंचायत सॉफ्ट्वेयर सिस्टम प्रभावी ढ़ग से लागू करने, सांसद आदर्श
ग्राम योजना पर विशेष ध्यान दे कर प्रगति रिपोर्ट व उपयोगिता प्रमाण पत्र
भिजवाने, जनता जल योजना के तहत पम्प चालकों को न्यूनतम मजदूरी दिलाना
सुनिश्चित करने, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2018-19 की आवास निर्माण
2195 नई स्वीकृतिया जारी करने, 20596 आवास चिन्हित कर मैसन की ट्रेनिंग
करवाने आदि के संबंध में व्यापक निर्देश दिये व कार्यों में ढ़िलाई बरतने
पर सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी।
डिस्कॉम के विद्युत बिलों का समय
पर भुगतान नहीं होने को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने कहा कि खण्ड विकास
अधिकारी खेतों में अवैद्य ट्यूबवेल कनेक्शन का सर्वे कराये अन्यथा उनके
विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। सिंह ने लम्बित विधानसभा प्रश्नों का
उत्तर व उच्च न्यायालय के प्रकरणें का जबावदावा व लोकायुक्त से संबंधित
रिपोर्ट समय पर नहीं भिजवाने पर सख्ती दिखाई व इन मामलों में विलम्ब के
दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी करने के निर्देश दिये।
वीडियो
कांन्फ्रेंसिंग के दौरान आयुक्त मनरेगा पीसी किशन, आयुक्त एवं शासन सचिव
पंचायती राज सलविन्द्र सिंह सोहता, संयुक्त शासन सचिव दिनेश जागिंड़ सहित
योजनाओं से संबंधित प्रभारी अधिकारी मौजूद थे।
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