पंचकुला़। देशभर में लागू किये जा रहे एनर्जी बिल्डिंग कनजरवेशन कोड (ईसीबीसी) उर्जा सरंक्षण में नई दिशा प्रदान करने में सहायक सिद्व होगा । भवन निर्माण में लागू किया जा रहा ईसीबीसी आने वाली पीढ़ी के लिये एक वरदान साबित होगा। यह बात पंचकुला के डीसी मुकुल कुमार ने हरेडा और एसोचैम द्वारा आयोजित ‘वर्कशाप ऑन ईसीबीसी कैप्सिटी बिल्डिंग’ के दौरान आये प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कही।
रेड बिशप में आयोजित इस वर्कशाप में ट्राईसिटी के करीब 100 आर्किटेक्ट्स, एनर्जी प्रोफेशनल्स और सरकारी कर्मचारियों ने भाग लिया। डीसी ने इस बात पर बल दिया कि यह लागू कोड इंडिविजुअल आधार पर ही नहीं बल्कि सरकारी कारगुजारी में भी काफी सहायक सिद्व होगा जो कि निकट भविष्य में बेहतर परिणाम देगा। इस अवसर पर डीसी और एडीसी जगदीप ढांडा ने उर्जा दक्षता के प्रति एैसोचेम के प्रयासों की प्रशंसा की।
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एडीसी ढांडा ने अपने संबोधन में बताया कि ईसीबीसी को भी कार्मश्यिल बिल्डिंगों में भी कड़े पालन के अंर्तगत लागू किया जा रहा है । उन्होनें बताया कि देश के 12 राज्यों में इसका पालन किया जा रहा है जिसमें हरियाणा भी उनमें से एक है। उन्होंनें बताया कि राज्य सरकार भी प्राथमिकता उर्जा सरंक्षण में काफी अहम है जिसके लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
हरेडा के प्रतिनिधि सुखचैन सिंह ने इस अवसर पर बताया कि विभाग ने भी पारम्परिक लाईटों को बदल कर एलईडी बल्ब लगा कर उर्जा दक्षता के प्रयासों को मजबूती प्रदान की है। इस अवसर पर बीईई सर्टिफाईड ट्रेनर्स मनी खन्ना, कुशाग्र जुनेजा, ऐसोचैम के क्षेत्रीय निदेशक रविन्द्र चांदला और जैम्स कौंसिल चंडीगढ़ और साकार फाउंडेशन के चैयरमेन आर्किटेक्ट सुरेन्द्र बागा ने भी संबंधित विषय पर अपने विचार व्यक्त किये।
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