नई दिल्ली।
दुनिया में हर देश में कई सारी जेले है जो अपराध करने वाले कैदियों को सजा
देने के लिए बनाई गई है। उन्हीं में से ब्लैक डॉलफिन एक ऐसी जेल है जिनके
नाम से ही कैदियों के पसीने छूट जाते है।
जी हां, दुनिया में सबसे खतरनाक
जेलों कि फेहरिश्त में ब्लैक डॉलफिन का नाम है। दुनिया के सबसे शक्तिशाली
जासूसी नेटवर्क से लेकर अपनी सैन्य ताकत के मामले में भी रूस अमेरिका को
टक्कर देता है।
इस जेल को दुनिया की सबसे खतरनाक जेल का खिताब मिला हुआ है।
इस जेल के बारे में बताते है कि यहां कैदी सुबह से रात तक खड़े रहते हैं।
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जेल का नाम डॉलफिन क्यों...
दक्षिणी रूस के ऑरेनबर्ग शहर में में स्थित इस जेल के नियम पूरी दुनिया में
सबसे सख्त हैं। इस जेल से आजतक कोई कैदी फरार नहीं हुआ।
अपराध जगत में तो
यहां तक कहा जाता है कि इस जेल से अपराधी तब ही निकलता है जब उसकी मौत होती
है। दुनिया के इस सबसे खतरनाक जेल में रहने वाले अपराधी भी खास होते हैं।
यह जेल लगभग 1700 साल से कई रूप में काम कर रही है। जेल का नाम डॉलफिन
इसलिए है क्यूंकि यहा डॉलफिन कि मूर्ति है। यह मूर्ति इस जेल में रहे
कैदियों ने ही बनाई है।
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इस जेल के सख्त नियमों की कल्पना सिर्फ इस बात से की जा सकती है कि यहां
कैदियों को सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक बैठने नहीं दिया जाता है।
यहां कैदियों के आराम पर प्रतिबंध है। इस जेल में एकसाथ 700 कैदी रखे जाते
हैं।
ब्लैक डॉल्फिन जेल रूस और कजाकिस्तान के बार्डर पर स्थित है। जेल में
कैदियों को 24 घंटे कैमरे की निगरानी में रखा जाता है।
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इतना ही नहीं, जेल के अंदर परिसर में घूमते वक्त कैदियों की आंखों पर पट्टी
बंधी होती है। आंखों पर पट्टी, हाथों में हथकड़ी और कमर से झुकाकर कैदियों
को रखने के कारण ही उन्हें जेल के नक्शे का अंदाजा नहीं लग पाता। कैदियों
के सेल के अंदर ही खाना दिया जाता है।
कैदियों को जब भी सेल से बाहर जाने
की छूट मिलती है, तब उन्हे कमर से झुकाकर बाहर ले जाया जाता है। इस जेल में
बंद कैदियों की हैवानियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां
700 कैदियों ने 3500 से ज्यादा हत्याएं की हैं।
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