कुंभ-2019 में देखिए डिजिटल साधु-संत, फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर छाए साधु-संत

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 28 दिसम्बर 2018, 7:29 PM (IST)

अमरीश मनीष शुक्ल


प्रयागराज । डिजिटल हो रही दुनिया के साथ साधु संतों ने भी अपने कदम बढ़ा दिए हैं । लैपटॉप, मोबाइल, इंटरनेट, अत्याधुनिक वाहनों के साथ फेसबुक और व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम पर छाए साधु संत अब जप तप और पूजन में भी डिजिटलीकरण को अपना रहे हैं है।

इस बार के कुंभ मेले में ऐसा ही एक बड़ा बदलाव लेकर संतोष दास नाम के महात्मा ने कुंभ क्षेत्र में डेरा जमा लिया है । यह संत मंत्रों व भगवान का नाम जपने के लिए किसी भी तरह की माला का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। बल्कि मंत्र व भगवान का नाम जपने के लिए एक विशेष तरह से डिजाइन की गई मशीन का प्रयोग कर रहे हैं। यूपी के वृंदावन में इस मशीन का पहले से ही कई संत इस्तेमाल करते रहे हैं, लेकिन एक बड़े मंच पर यानि कुंभ के दौरान पहली बार कोई संत इस तरह की मशीन से भगवान का नाम जपते हुए नजर आएगा।


अयोध्या से आये हैं संत



कुंभ मेला क्षेत्र के तपस्वी की नगर मे अयोध्या से आए संत संतोष दास का शिविर लगा हुआ है। वह पिछले ढाई दशक से मेले में कल्पवास करते आ रहे हैं। अभी तक वह मंत्र व इष्ट का नाम जपने के लिए रुद्राक्ष, स्फटिक, कमल गट्टा, तुलसी व अन्य रत्नों की माला का इस्तेमाल किया करते थे । लेकिन, पहली बार उन्होंने डिजिटलीकरण को अपनाया है और राम नाम जपने के लिए की बजाय इलेक्ट्रॉनिक मशीन का प्रयोग करेंगे।



गौरतलब है कि पौराणिक समय मंत्र व इष्ट का नाम जपने के लिये विभिन्न तरह की मालाओं का इस्तेमाल किया जाता रहा है और प्रत्येक रत्नों की माला का अपना अलग-अलग प्रभाव होता है। यानी रुद्राक्ष की माला को अलग तरह के जप में प्रयोग किया जाता है और स्फटिक की माला दूसरे तरह के जप में कार्य करेगी । इस तरह से हर तरह के रत्नों का इस्तेमाल विशेष कार्य के कार्य व इच्छा के लिए होता है। परंतु अब जब मशीन से राम का नाम जप आ जाएगा तब उसका कैसा प्रभाव होगा और संत उसे लेकर क्या दलील देंगे और यह कितना सफल होगा यह आने वाला समय बताएगा । फिलहाल कुंभ में बाबा चर्चा का विषय बने हुए हैं ।


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क्या कह रहे बाबा


मीडिया से दूरी बनाए हुए बाबा के शिविर से प्राप्त जानकारी के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस विशेष तौर पर डिजाइन की गई है। जिसमें एक लाख बार तक नाम जपने यानी उसे काउंट करने की खासियत है। मशीन का उत्तर प्रदेश के वृंदावन में परीक्षण किया गया और कुछ संतों द्वारा अपनाए जाने के बाद संतोष महाराज ने भी इसे खरीदा है और इस बार वह कुंभ मेले में इसी मशीन से अपने जप की गिनती करेंगे।

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इस मशीन की खासियत यह है कि एक लाख जब पूरा होते ही यह ऑटोमेटिक रूप से बंद हो जाएगी और फिर से जप शुरू करने के लिए इसे ऑन करना होगा। जिसके बाद यह मशीन रिकाउंटिंग शुरू कर देती है यानि एक लाख गिनती पूरी होते ही आप फिर से एक से गिनती शुरू कर सकते हैं। इसके बारे में संतों का मत है कि नाम जपने में संख्या में चूक हो सकती है । ऐसे में यह मशीन बेहद ही उपयोगी साबित होगी।

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