राजस्थान की जनता को प्रयागराज कुम्भ-2019 आमंत्रण, यहां पढ़ें कुंभ की खास बातें

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 27 दिसम्बर 2018, 6:39 PM (IST)

जयपुर । यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गुरुवार को सीआईआई के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके प्रदेश की जनता को कुंभ 2019 में आने का आमंत्रण दिया। शर्मा ने बताया कि 15 जनवरी, 2019 से प्रयागराज में प्रारम्भ हो रहे कुम्भ के माध्यम से सर्वसाधारण को अपने अतीत के साथ एक बार फिर जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से यूनेस्को द्वारा कुम्भ की महत्ता को देखते हुए इसे ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की सूची में सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सम्मिलित प्रयासों से इस कुम्भ में 5 हजार से ज्यादा प्रवासी भारतीय भी आएंगे। सम्पूर्ण विश्व में मानवता के इस विशालतम समागम में भारत के 6 लाख से अधिक गावों के लोगों सहित विश्व से आने वाले श्रद्धालु भी इसमें प्रतिभाग करेंगे।
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार कुम्भ के भव्य और दिव्य आयोजन के लिए कटिबद्ध है। राज्य सरकार द्वारा इस आयोजन की प्रकृति के अनुरूप प्रयागराज कुम्भ-2019 का नया ‘लोगो’ भी लाॅन्च किया जा चुका है। प्रयागराज में हर छः वर्ष बाद कुम्भ का आयोजन होता है और हर वर्ष माघ मेला लगता है। विकास की प्रक्रिया यहां निरन्तर चलती रहे, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्रयागराज मेला प्राधिकरण का गठन किया गया है। कुम्भ कार्यों में 671 जनकल्याणकारी परियोजनाओं पर डेढ़ वर्ष में काम पूरा कराया गया है, जिनमें अधिकांश परियोजनायें स्थायी विकास कार्यों से जुड़ी हैं।
राज्य सरकार द्वारा स्थायी विकास की विभिन्न परियोजनाओं के साथ कुम्भ मेला 2019 हेतु 2800 करोड़ रुपये प्राविधानित किये गये। इसके अलावा अन्य बजट से कुल मिलाकर 4300 करोड़ रुपये से कुम्भ मेला और प्रयागराज में स्थायी विकास के कार्य कराये जा रहे हैं। इससे कुम्भ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। कुम्भ 2013 में मात्र 1214 करोड़ रुपये व्यय किये गये थे। इन परियोजनाओं से प्रयागराज में मूलभूत अवसंरचना सुविधाओं जैसे सड़क, सेतुओं का निर्माण, पेयजल, विद्युत सुधार, पर्यटन विकास आदि के कार्य किये गये हैं।
कुम्भ में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा 9 फ्लाईओवर विगत मात्र डेढ़ वर्ष में बनाकर प्रयागराज को आधुनिक एवं सुगम यातायात की सुविधा दी गई है। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी, 2019 से प्रयागराज में शुरू हो रहा यह कुम्भ अब तक का सबसे अनूठा कुम्भ होगा। पूरी दुनिया इसमें हिस्सेदारी कर रही है। लगभग 71 देशों के राजदूत इसकी तैयारी देख चुके हैं। अपने-अपने देशों के राष्ट्रध्वज उन्होंने त्रिवेणी तट पर कुम्भ मेले में लगाये हैं। जनवरी में प्रवासी भारतीय दिवस का सम्मेलन वाराणसी में है। फरवरी में 192 देशों के प्रतिनिधि इस कुम्भ में आयेंगे।
राज्य सरकार के प्रयासों से विशाल मेला क्षेत्र में एक नये नगर की स्थापना की जा रही है, जिसमें 250 किलोमीटर सड़कें तथा 22 पाण्टून पुल होंगे। यह विश्व का सबसे बड़ा अस्थायी नगर होगा। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन के दृष्टिगत प्रयागराज में ऊर्जा विद्युत अवस्थापनाओं को सुदृढ़ करते हुए विद्युत उपलब्धता को और कारगर बनाया गया है। प्रथम बार मेला क्षेत्र में 40,000 से अधिक एल0ई0डी0 लाइट लगाकर मेला क्षेत्र को दूधिया रोशनी से जगमग किया जा रहा है।


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केन्द्र सरकार ने प्रयागराज में नया हवाई सिविल टर्मिनल निर्मिंत कर प्रमुख हवाई उड़ानों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि सुनिश्चित की है। प्रयागराज को देश के कई प्रमुख महानगरों यथा बैंगलुरू, इन्दौर, नागपुर, पटना आदि नगरों से हवाई मार्ग से जोड़ने में सफलता प्राप्त की गयी है। यहां पर हेलीपोर्ट भी स्थापित हो रहा है। पर्यटकों के लिए हेलीकाॅप्टर ज्वॉय राइड की व्यवस्था भी की जा रही है।
कुम्भ में देश के हर सांस्कृतिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए 30 थीमेटिक गेट, 200 से अधिक उच्चस्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम, सांस्कृतिक विषयों पर लेजर शो, फूड कोर्ट, वेणिं्डग जोन, प्रदर्शनियों और टूरिस्ट वॉक का आयोजन किया जा जाएगा। प्रमुख स्थलों की फसाड लाइटिंग भी की जा रही है। भारतीय संस्कृति का परिचय देने के लिये कला ग्राम और संस्कृति ग्राम बसाये जा रहे हैं।
पहली बार इस पूरे कुम्भ को इण्टीग्रेटेड कण्ट्रोल एवं कमाण्ड सेण्टर सी0सी0टी0वी0 कैमरों की निगरानी में रखा गया है। स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में प्रयागराज की स्मार्ट सिटी परियोजना का इण्ट्रीग्रेटेड कण्ट्रोल एवं कमाण्ड सेण्टर प्रयागराज को समर्पित हुआ है। इस सिस्टम से प्रयागराज नगर के साथ-साथ कुम्भ नगर के यातायात और मेले में आने वाली भीड़ को भी नियंत्रित और सुरक्षित रखा जा सकेगा। इससे यहाँ की कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में बड़ी मदद मिलेगी। सी0सी0टी0वी0 कैमरों की निगरानी में केवल सुरक्षा ही नहीं, शहर की सफाई व्यवस्था पर भी नजर रहेगी। प्रयागराज में लगभग 247 करोड़ रुपये की योजना के दो कण्ट्रोल एवं कमाण्ड सेण्टर होंगे, जिसमें लगभग 116 करोड़ रुपये की लागत से तैयार एक कण्ट्रोल एवं कमाण्ड सेन्टर तैयार कर कार्यरत कर लिया गया है। जो केवल 5 महीनों में तैयार हो गया है।
स्मार्ट सिटी कार्यक्रम के अन्तर्गत इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर अभूतपूर्व कम समय अविध में निर्मित एवं संचालित कर कुम्भ मेले हेतु 1400 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के द्वारा यातायात नियंत्रण, सुरक्षा तथा वीडियो एनेलेटिक्स का कार्य किया जा रहा है। इस कुम्भ का आयोजन बहुआयामी है। यह स्वच्छता का संदेशवाहक ‘स्वच्छ कुम्भ’ है। इसी तरह कुम्भ 2019 को ‘सांस्कृतिक कुम्भ’, ‘सुरक्षित कुम्भ’, ‘डिजिटल कुम्भ’ आदि की अवधारणा से जोड़ा गया है।
राज्य सरकार द्वारा प्रयागराज कुम्भ 2019 में स्वच्छता को विशेष महत्व दिया जा रहा है। पिछले कुम्भ तक शौचालय की व्यवस्था कम होने से लोग खुले में शौच के लिए मजबूर थे। इस बार कुम्भ में 01 लाख 22 हजार शौचालय बनाकर और पिछले कुम्भ के मुकाबले दोगुना से अधिक सफाई कर्मचारी तैनातकर इस कुम्भ और प्रयागराज से स्वच्छता का संदेश पूरे देश में जायेगा। पिछले कुम्भ 2013 में मात्र 34,000 शौचालय बनाये गये थे।
प्रथम बार 20,000 डस्टबिन, ठोस कचरा प्रबन्धन हेतु 140 टिपर, 40 काॅम्पैक्टर इस हेतु तैनात किये गये है।
प्रयागराज में गंगा का तट, त्रिवेणी का तट साफ रहे, गंगा जी का जल निर्मल रहे, इसके लिये हर स्थान पर अभियान चल रहा है। स्वच्छ भारत मिशन और नमामि गंगे के अभियान प्रयागराज में सफलता से चल रहे हैं। प्रयागराज में अबतक गंगा में गिरने वाले 32 नाले टेप कराये जा चुके हैं। गंगा में प्रदूषण नियंत्रण करने के उद्देश्य से ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रयागराज में चार योजनायें चल रही हैं, जिनमें दो योजनायें पूर्ण की जा चुकी हैं तथा शेष दो में भी 90 प्रतिशत तक का कार्य पूरा हो चुका है। ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के अन्तर्गत दो महत्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास किया जा रहा है, जिनसे गंगा में गिरने वाले सभी नाले टेप कर शोधित किये जायेंगे।
राज्य सरकार द्वारा ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के अन्तर्गत 03 सीवरेज ट्रीटमेण्ट प्लाण्ट तथा उनसे सम्बन्धित पम्पिंग सिस्टम का निर्माण एवं 07 एस0टी0पी0 तथा 10 पमिं्पग स्टेशन का उन्नयन कर उनके आगामी पन्द्रह वर्ष तक रख-रखाव की व्यवस्था का शिलान्यास 1671 करोड़ रुपये लागत से ‘नमामि गंगे’ परियोजना के अन्तर्गत किया जा चुका है। 177 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाकर सीवर कनेक्शन एवं पमिं्पग स्टेशन की स्थापना का कार्य प्रयागराज में किया गया है।
मेले में प्रथम बार 10,000 व्यक्तियों की क्षमता युक्त गंगा पण्डाल, 2000 क्षमता का एक प्रवचन पण्डाल, 1000 क्षमता के 4 सांस्कृतिक पण्डाल स्थापित किये जा रहे हैं, जिनमें सांस्कृतिक कार्यक्रम लगातार होते रहेंगे। 20,000 आम श्रद्धालुओं के लिए प्रथम बार यात्री निवास आदि की व्यवस्था भी की जा रही है।

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