नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'महागबंधन' को 'अमीर वंशों' का एक
समूह बताया और कहा कि विपक्षी दलों की कोशिशें उनकी व्यक्तिगत
महत्वाकांक्षाओं और अस्तित्व की रक्षा से प्रेरित हैं।
चेन्नई के मध्य व उत्तरी हिस्सों, मदुरई, तिरुचिरापल्ली और तिरुवलुर के
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं से वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए
संवाद के दौरान मोदी ने कहा, "विभिन्न राजनीतिक दल आज महागठबंधन की बात कर
रहे हैं। मैं आपको बता दूं कि गठबंधन व्यक्तिगत अस्तित्व की रक्षा के लिए
है, न कि विचारधाराओं का समर्थन है। यह गठबंधन सत्ता के लिए है, न कि जनता
के लिए। यह गठबंधन लोगों की आकांक्षाओं के लिए नहीं, बल्कि व्यक्तिगत
महत्वाकांक्षाओं के लिए है।"
एक सवाल के जवाब में मोदी ने कई ऐसे
वाकयों का जिक्र किया, जहां कांग्रेस ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख
नेताओं का अपमान किया और उन्हें धोखा दिया। उन्होंने कहा कि वही दल अब
महागठबंधन की बात कर रहे हैं।
मोदी ने कहा, "कई दल और उनके नेता
राम मनोहर लोहिया से प्रेरणा लेने की बात करते हैं, जिन्होंने कांग्रेस और
उसकी विचारधारा व राजनीति की पद्धति का कड़ा विरोध किया। कांग्रेस के साथ
नापाक व अवसरवादी गठबंधन करके वे लोहिया को किस प्रकार की श्रद्धांजलि दे
रहे हैं।"
सामाजावदी नेता को याद करके मोदी ने कांग्रेस पर हमला
बोला। उन्होंने कहा, "लोहिया हमेशा कहते थे कि कांग्रेस समझौतावादी पार्टी
है, जिसने विचारधारा और राष्ट्रीय हित के कई मुद्दों पर समझौता किया है।
उन्होंने भारत में जाति संबंधी विषमता के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार
ठहराया। लोहिया इस बात से दुखी थे कि 1947 के बाद कांग्रेस महात्मा गांधी
की कांग्रेस नहीं रह गई।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि महागठबंधन में एक
सीट की आकांक्षा रखने वाले अनेक दलों के शीर्ष नेता आपातकाल के दौरान
गिरफ्तार ह़ुए थे और उनको यातनाएं दी गई थीं।
उन्होंने कहा, "दुख
की बात है कि आज ये दल और कांग्रेस एक-दूसरे के लिए ऑक्सीजन हो गए हैं,
लेकिन इन दलों की असली प्रकृति से लोग भलीभांति अवगत हैं। उत्तर प्रदेश हो
या बिहार जब कभी ये सत्ता में रहे, वहां कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई।
इन दलों के शासन के दौरान भ्रष्ट और आपराधी तत्वों का बोलबाला था।"
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मोदी
ने बीती घटनाओं की याद दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के
नेता मुलायम सिंह यादव को आय से अधिक संपत्ति के मामले में परेशान किया।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, "क्या इन दलों ने लोहिया के आदशरें के
प्रति न्याय किया? इसका उत्तर है नहीं।"
विपक्ष की आलोचना करते हुए
मोदी ने कहा कि कांग्रेस और इसकी व्यवस्था ने एमजीआर (एम.जी. रामचंद्रन) और
एनटीआर (एन.टी. रामाराव), किसी को नहीं छोड़ा।
उन्होंने कहा,
"गरीबों और निम्न तबकों के लिए काम करने वाले महान नेता एमजीआर को भी
निशाना बनाया गया। 1980 में उनकी चुनी हुई सरकार को बर्खास्त कर दिया गया।
उनको विधानसभा में बहुमत प्राप्त था, लेकिन कांग्रेस के पास राजभवन था।
दोबारा चुनाव हुए और एमजीआर विजयी हुए। इंदिरा गांधी ने उसके लिए एमजीआर को
कभी माफ नहीं किया।"
जैन आयोग पर कांग्रेस के रुख का जिक्र करते
हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने उस समय कहा था कि 'चाहे तो द्रमुक रहेगा या
हम', लेकिन आज वे एक साथ होना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "उनका गठबंधन अवसरवाद नहीं, तो और क्या है।"
मोदी ने कहा कि एनटीआर को कांग्रेस का कोपभाजन बनना पड़ा और उन्होंने तेलुगूभाषियों के गौरव व सम्मान के लिए अलग एक पार्टी बनाई।
आंध्रप्रदेश
के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली तेलगू देशम पार्टी के
संदर्भ में मोदी ने कहा, "आज एनटीआर की पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन करना
चाहती है। आंध्रप्रदेश के लोग इसे कैसे स्वीकार करेंगे।"
मोदी ने
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का गठन कांग्रेस नेतृत्व के विरोध
में किया गया था, लेकिन बाद में वह कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र में कई
सालों तक सत्ता में रही।
संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने कई अन्य मसलों का जिक्र किया।
उन्होंने आयुष्मान भारत, सौभाग्य योजना और स्वच्छ भारत अभियान जैसी अपनी सरकार द्वारा लागू की गई कई योजनाओं का भी जिक्र किया।
--आईएएनएस
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