राज्यपाल ने किया एम.एल.एफ 2018 का उद्घाटन

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 07 दिसम्बर 2018, 6:56 PM (IST)

चंडीगढ़ । पंजाब के राज्यपाल वीपी. सिंह बदनौर ने एम.एल.एफ. 2018 को प्रथम विश्व युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले 74000 से अधिक भारतीयों की बहादुरी को समर्पित किया ।
चंडीगढ़ के लेक क्लब पर मिलिट्री लिटरेचर फैस्टिवल का उद्घाटन करते हुए उन्होंने एम.एल.एफ. को प्रथम विश्व युद्ध के शताब्दी समारोह को मानाने हेतु अनजान शहीदों के प्रति इसे सही मायने में एक सच्ची श्रद्धांजलि बताया है।
भारतीय सैनिकों द्वारा दिए गए बलिदानों के प्रति एम.एल.एफ. के अनूठे मंच के माध्यम से युवा पीढ़ी को जागरूक करवाने हेतु पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का धन्यवाद करते हुए राज्यपाल ने आयोजित किए गए इस समारोह पर संतोष व्यक्त किया।
प्रथम विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों द्वारा दिए गए अनूठे बलिदानों को याद करते हुए राज्यपाल ने कहा, ‘‘इस वर्ष 1914-1918 की महान लड़ाई की शताब्दी भी है और यह समय 74000 शहीद और 67000 गंभीर रूप से घायल हुए भारतीयों को याद करने का है जिनमें से कई या तो कभी मिले ही नहीं या तो वे विदेशों की धरती में ही समा गए।’’
राज्यपाल ने कहा कि यह देश के लिए बहुत गर्व की बात है जिसने इन अभियानों में 1.3 मिलियन सैनिक भेजे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने 11 विक्टोरिया क्रॉस जीतकर इन मिशनों में अपना लोहा मनवाया और ब्रिटिश सैनिकों ने भारतीय सैनिकों के नेतृत्व में छ: अन्य जीतें भी हासिल की।
उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि समारोह के दौरान, इन महत्वपूर्ण अभियानों में भारतीय सैनिकों की अनूठी भूमिका संबंधी युवा पीढ़ी को जागरूक करने के लिए कई महत्वपूर्ण वक्ता इन युद्धों के ज्ञात और अज्ञात पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे।
राज्यपाल ने इस तथ्य की सराहना की कि एमएलएफ विश्व युद्धों तक ही सीमित नहीं है बल्कि महान महाराणा प्रताप, शिवाजी और कई ऐसे योद्धाओं की बहादुरी और अनूठे साहस पर भी ध्यान केंद्रित करेगा जो हमेशा प्रेरणा का एक महान स्रोत रहे हैं। उन्होंने कहा कि एम.एल.एफ मेें महाभारत और दुनिया के सबसे लंबे महाकाव्य पर विचार-विमर्श करने जा रहा है, जो इसी क्षेत्र में घटित हुआ था।
पंजाब को देश की असली ताकत और ट्राई सिटी ऑफ चंडीगढ़ की सैन्य शक्ति का सेवानिवृत्ति केंद्र बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्रशासक यूटी के प्रभार को संभालने पर उन्होंने पाया कि लगभग 90 लेफ्टिनेंट जनरल और 133 मेजर जनरल सेवानिवृत्ति के बाद सिटी ब्यूटीफुल में रह रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैने पाया कि किसी अन्य शहर जिसे मैं जानता हूँ वहां इतने सारे वरिष्ठ और प्रतिष्ठित सेवानिवृत्त और सेवारत अधिकारी नहीं रह रहे हैं।’’
एमएलएफ की उत्पत्ति संबंधी बताते हुए गवर्नर ने कहा कि उन्होंने सारागढ़ी पर कैप्टन अमरिंदर सिंह की पुस्तक के अनावरण के दौरान उनके साथ एक सैन्य इतिहास आधारित साहित्य समारोह आयोजित करने के विचार पर चर्चा की और बाद में वह उनके विचार को अमली जामा पहनाने पर सहमत हुए।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘मैं कैप्टन साहिब, जोकि एक अनुभवी और एक प्रमुख सैन्य इतिहासकार हैं, को इस अद्भुत समारोह का मंचन करने के लिए बधाई देता हूं, जिसने पंजाबियों के अदम्य साहस और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके अनूठे योगदान को प्रदर्शित किया है।’’
एम.एल.एफ. को गति प्रदान करने हेतु रोमांचक घटनाओं की एक श्रृंखला आयोजित करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री के वरिष्ठ सलाहकार, टी.एस. शेरगिल को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने 29 नवंबर से 1 दिसंबर, 2018 तक चंडीगढ़ और पटियाला में आयोजित सैन्य कार्निवल के रूप में मंत्रमुग्ध कर देने वाली उत्साहपूर्ण गतिविधियों की एक श्रृंखला का आयोजन किया था।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में विंटेज और क्लासिक कारों की प्रदर्शनी, हथियारों की प्रदर्शनी, साइक्लोथॉन और मैराथन, बर्डिंग रैली, आर्ट एंड फोटो प्रदर्शनी, स्काईडाइविंग, गोल्फ टूर्नामेंट, पैरा-मोटर और माइक्रो लाइट शो, इक्वीटैशन टैटू, सारागड़ी लाइट और साउंड शो और आश्चर्यजनक डेयरडेविल मोबाईक प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की गई थी।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री के वरिष्ठ सलाहकार टी.एस. शेरगिल ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा शुरू की गई इस नई पहल से नौजवानों को सशस्त्र सेनाओं में अपना करियर बनाने के लिए प्रौत्साहित करेगी।
इस अवसर पर अन्यों में पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल वी.पी.मलिक (सेवानिवृत्त), परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र यादव, लॉर्ड दलजीत राणा, विभिन्न देशों के राजनयिक और विभिन्न देशों के आये सम्मानित सैनिक उपस्थित थे।

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